शीवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्रालयों के बंटवारे पर तंज कसते हुए कहा था कि मोदी मंत्रिमंडल में भाजपा नेताओं का दबदबा है। अधिकांश मलाईदार मंत्रालय बीजेपी नेताओं को मिले हैं, जबकि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को झुनझुना थमा दिया गया है।
संजय राउत के इस बयान पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
शहजाद पूनावाला ने कहा, “एनडीए तीसरी बार अपनी सरकार बना चुकी है। दूसरी ओर इंडी गठबंधन में केवल करप्शन, एम्बिशन, कन्फ्यूजन और फ्रस्ट्रेशन है। कोई लाइट बंद करके शपथ समारोह के दिन बैठा हुआ दिखा, तो कोई ट्विट तक नहीं कर पा रहा है। एक शुभकामना तक नहीं दे पा रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ लेकर रिकॉर्ड स्थापित किया है।” शहजाद पूनावाला ने कहा, “अब इसी फ्रस्ट्रेशन में आकर विपक्ष के नेता संजय राउत कह रहे हैं कि एनडीए के घटक दलों को झुनझुना मंत्रालय थमा दिया। ये देश के कल्याण से जुड़े मंत्रालय क्या कांग्रेस और विपक्ष के लिए झुनझुना होते हैं?”
“झुनझुना की परिभाषा समझनी होगी”
भाजपा नेता ने आगे कहा, “क्या उनको कुछ मंत्रालय मलाईदार और कुछ मंत्रालय झुनझुना नजर आते हैं? लेकिन यहां सवाल पैदा होता है कि 24 घंटे पहले संजय राउत आप कह रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप कमजोर हैं। आपको बैसाखियों की जरूरत है। अब 24 घंटे बाद कह रहे हैं कि झुनझुना थमा दिया सबको। अपने पास सबकुछ रख लिया, तो आप आखिर कहना क्या चाहते हैं?” उन्होंने आगे कहा, “आपको झुनझुना की परिभाषा समझनी होगी। झुनझुना वह है, जो आपको कांग्रेस की ओर से एलओपी के नाम पर थमा दिया गया है। आप से इन लोगों ने एलओपी के बारे में फैसला लेने से पहले कुछ नहीं पूछा।”
“केरल में इंडी अलायंस को झुनझुना मिला है”
पूनावाला ने कहा, “राहुल गांधी को विपक्ष का नेता घोषित कर दिया गया। ऐसा कर आपको झुनझुना थमा दिया गया। झुनझुना तो अब वो है, जो दिल्ली में इंडिया गठबंधन के पास पड़ा हुआ है, क्योंकि पंजाब में जैसे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का तलाक हो गया था, वैसे ही अब दिल्ली में भी हो गया है, तो इंडी अलायंस को झुनझुना मिला। केरल में इंडी अलायंस को झुनझुना मिला है, क्योंकि वहां तो कांग्रेस और लेफ्ट का कोई अलायंस नहीं है, तो ऐसे में झुनझुना क्या होता है। वो तो आप भलीभांति जानते हैं।” बीजेपी नेता ने आगे कहा, “अब कुछ लोगों की स्थिति कुछ ऐसी बन चुकी है कि जिस तरह से लोग कभी-कभी सड़कों पर अपने कपड़े फाड़ते हैं, चीखने लग जाते हैं, ताकि लोग और मीडिया उनकी ओर अपना ध्यान आकर्षित करे, वैसी ही स्थिति संजय राउत की बनी हुई है।”