नई दिल्ली: विपक्षी दल ‘इंडिया’ ब्लॉक ने गुरुवार (17 अप्रैल) को घोषणा की है कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए महागठबंधन की समन्वय समिति का नेतृत्व करेंगे.
हालांकि गठबंधन ने यादव को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया है, लेकिन कहा है कि नेता प्रतिपक्ष समन्वय समिति का नेतृत्व करेंगे, जो गठबंधन की सभी पार्टियों को शामिल करते हुए बनाई जाएगी. समिति अन्य बातों के अलावा एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम, एक घोषणापत्र और सीट-बंटवारा तय करेगी.
छह गठबंधन दलों – कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेताओं ने गुरुवार को पटना में मुलाकात की.
साल 2020 में मुकेश साहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी सीट बंटवारे पर असहमति के कारण चुनाव से पहले गठबंधन से अलग हो गई थी.
बैठक के बाद बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव प्रचार अभियान से संबंधित सभी निर्णय समन्वय समिति द्वारा लिए जाएंगे, जिसके अध्यक्ष यादव होंगे.
उन्होंने कहा, ‘बिहार चुनाव से संबंधित सभी निर्णय- सीट बंटवारे की व्यवस्था से लेकर साझा न्यूनतम कार्यक्रम और घोषणापत्र तक, चुनाव प्रचार की रूपरेखा तैयार करने, दलों के बीच समन्वय, मीडिया समन्वय, मतदाता सूची और अन्य सभी चुनाव संबंधी कार्यों की निगरानी समन्वय समिति द्वारा की जाएगी. यह समिति ‘इंडिया’ गठबंधन की सर्वोच्च संस्था होगी और इस समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव होंगे.’
वह कहते हैं, ‘समन्वय समिति में सभी गठबंधन दलों के सदस्य शामिल होंगे.’
यह बैठक बुधवार (16 अप्रैल) को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से तेजस्वी यादव की मुलाकात के दो दिन बाद हुई है.
बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार के हालात पर आज महागठबंधन की पहली बैठक हुई. हमने खास तौर पर गरीबी, बेरोजगारी और पलायन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.’
उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले 20 सालों से सत्ता में काबिज सरकार के खिलाफ बिहार के लोगों में काफी गुस्सा है. 20 सालों में उनकी अपनी केंद्र सरकार की नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि बिहार सबसे गरीब है. बेरोजगारी, गरीबी, पलायन और बढ़ते अपराध में बिहार नंबर वन है. बिहार में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है.
पूर्व उप मुख्यमंत्री कहते हैं, ‘मुख्यमंत्री के बारे में हम क्या कह सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बिहार आते रहते हैं. बिहार में जो कुछ हो रहा है, उसका उन्हें जवाब देना चाहिए. इसके लिए सिर्फ नीतीश कुमार ही नहीं, बल्कि पूरा एनडीए जिम्मेदार है. बिहार में असली डबल इंजन अपराध और भ्रष्टाचार है.’
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ कर 19 सीटों पर जीत हासिल की, वहीं 75 सीट जीत कर राजद राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी. पार्टी 144 सीट पर चुनाव लड़ी थी.
सीपीआई (एमएल) अपनी 19 सीट में से 12 में जीत हासिल की. जबकि वीआईपी ने गठबंधन छोड़ दिया था, उसने चार सीटें जीतीं.
