सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह लगातार दूसरी बार है, जब तमांग सिक्किम के मुख्यमंत्री बने हैं। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन सिक्किम के पालजोर स्टेडियम में आयोजित कराया गया।
राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने तमांग को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। तमांग के साथ आठ नव-निर्वाचित विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रेम सिंह तमांग को दोबारा सिक्किम का मुख्यमंत्री बनने परबधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा ‘सिक्किम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर प्रेम सिंह तमांग के सफल कार्यकाल की कामना करता हूं और सिक्किम की प्रगति के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।’
एसकेएम ने 32 में से 31 सीटों पर दर्ज की थी जीत
इस वर्ष अप्रैल के महीने में सिक्किम में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए और 2 जून को नतीजे आए। एसकेएम ने प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में राज्य में 32 में से 31 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की है। इस बार विधानसभा चुनाव में तमांग ने जिन दो सीटों से उन्होंने चुनाव लड़ा, वहां उन्हें जीत हासिल हुई। सोरेंग-चाकुंग और रेनॉक सीटों पर जीत दर्ज कर तमांग ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ है।
राजनीति में आने से पहले सरकारी शिक्षक थे तमांग
प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 को पश्चिम सिक्किम के सिंग्लिंग बस्टी में हुआ था। उनके पिता का नाम कालू सिंह तमांग और मां का नाम धन माया तमांग है। शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद तमांग ने 1988 में दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले तमांग सरकारी शिक्षक थे। हालांकि, शिक्षक की नौकरी के बदले उनकी सामाजिक कार्यो में अधिक रूचि रही। इसी वजह से वे बाद में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने शुरू कर दिया और पार्टी के सदस्य बन गए। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और एसडीएफ के स्थाई सदस्य बन गए। चामलिंग, एसडीएफ के संस्थापक रहे पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
पहली बार 1994 में सोरेंग चाकुंग सीट से हासिल की जीत
वर्ष 1994 में तमांग ने अपने जीवन का पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। एसडीएफ के टिकट पर सोरेंग चाकुंग सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने पहली जीत भी दर्ज की। 1994 से 1999 तक वे पशुपालन, चर्च और उद्योग विभाग के मंत्री रहे। 1999 के विधानसभा चुनाव में में वे एक बार फिर से सोरेंग चाकुंग विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वर्ष 1999 से लेकर 2004 तक उन्होंने राज्य के उद्योग और पशुपालन मंत्री के रूप में कार्य किया। अगले चुनाव यानी वर्ष 2004 में उन्होंने एक बार फिर से चाकुंग निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सतीश मोहन प्रधान को हराकर जीत दर्ज की। इसी के साथ वे राज्य के भवन एवं आवास विभाग के मंत्री बने। 2009 में प्रेम सिंह तमांग ने अपर बुर्तुक से चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी अरुण कुमार राय को मात दी।
2013 में हुआ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा का गठन
वर्ष 2013 में एसडीएफ से प्रेम सिंह तमांग के इस्तीफे के बाद राज्य में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) नाम से नई पार्टी अस्तित्व में आई। तमांग ने पार्टी का गठन किया और 2014 के विधानसभा चुनाव में ताल ठोक दी। इस दौरान एसकेएम ने राज्य की 32 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की। 43 प्रतिशत मतदान प्रतिशत के साथ राज्य में एसकेएम के लिए अच्छी शुरुआत थी।
2019: जब सत्ताधीश बनी एसकेएम
समय बदला और इसके बाद वर्ष 2019 में राज्य में पहली बार तमांग के नेतृत्व वाली एसकेएम ने राज्य में पहली बार जीत दर्ज की। ये वो पल था जब, 24 वर्ष, पांच महीने और 15 दिन तक काबिज रही पवन कुमार चामलिंग की सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा। एसकेएम में 17 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता पर काबिज हुई। राज्य में पवन कुमार चामलिंग सरकार का अस्त हुआ और प्रेम सिंह तमांग सरकार का उदय हो गया।