भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने रविवार को नीट-यूजी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंपन के सरकार के फैसले का स्वागत किया। आईएमए ने परीक्षा को लेकर विवादों पर तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य प्रमुख मंत्रियों का आभार जताया।
आईएमए की ओर से जारी बयान में कहा गया, हम नीट-यूजी में अनियमितताओं की जांच पूरी सीबीआई को सौंपने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का आभार जताते हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच मई को आयोजित नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में रविवार को प्राथमिकी दर्ज की। सीबीआई ने यह कार्रवाई तब की गई है, जब एक दिन पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपी है। आईएमए ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक को हटाने के लिए सरकार का आभारी है।
एनटीए ने नीट-यूजी ने ग्रेस अंक पाने वाले 1,563 छात्रों की दोबारा परीक्षा कराई ताकि छह केंद्रों पर समय के नुकसान की भरपाई की जा सके। एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व 720 अंक हासिल करने वाले 67 छात्रों ने हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्रों के नाम सूची में शामिल थे, जिससे अनियमितताओं के बारे में शक पैदा हुआ। सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी आयोजित किया जाता है।
बयान में कहा गया, “हम प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को दूर करने के लिए कड़े कानून बनाने के लिए सरकार की सराहना करते हैं। परीक्षा अधिकारियों, सेवा प्रदाताओं या अन्य संस्थानों से जुड़े संगठित अपराध के मामलों में, अपराधियों को 10 साल तक की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।” इसमें कहा गया है कि छात्र भारत का भविष्य हैं। यह जरूरी है कि महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाएं अत्यंत परिश्रम और गोपनीयता के साथ आयोजित की जाएं।