मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट मंगलवार को पेश हुआ. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2024-25 पेश किया, जिसमें बिहार को हजारों करोड़ रुपये का स्पेशल पैकेज दिया गया है.
हालांकि, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया है. बता दें कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट से बिहार को निराशा मिली है. उन्होंने एक्स पर लिखा, ”आज के बजट ने बिहार के लोगों को फिर निराश किया है. बिहार को प्रगति पथ पर ले जाने के लिए एक रिवाइवल प्लान की जरूरत थी जिसके लिए विशेष राज्य के दर्जे के साथ विशेष पैकेज की सख्त जरूरत है. रूटीन आवंटन तथा पूर्व स्वीकृत, निर्धारित व आवंटित योजनाओं को नई सौगात बताने वाले बिहार का अपमान ना करें. पलायन रोकने, प्रदेश का पिछड़ापन हटाने उद्योग धंधों के साथ साथ युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए हम विशेष राज्य के दर्जे की मांग से इंच भर भी पीछे नहीं हटेंगे.’
आरजेडी का आरोप: कॉरपोरेट घरानों के लिए बजट
आपको बता दें कि आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने भी बजट पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, ”पेश किए गए बजट में बिहार को कुछ लाभ नहीं मिला है. किसानों, मजदूरों के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया है. केवल केवल कॉरपोरेट घरानों को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया गया है.”
बिहार के लिए बड़ी घोषणाएं
वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए बिहार में चार नए एक्सप्रेस-वे बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसके लिए 26 हजार करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया गया है. इसके अलावा, 21 हजार करोड़ रुपये के पावर प्लांट का भी ऐलान किया गया है.
विशेष राज्य का दर्जा नहीं
आपको बता दें कि सोमवार को केंद्र सरकार ने साफ कर दिया था कि मौजूदा प्रावधानों के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता. यह घोषणा बिहार के लिए निराशाजनक रही, जिससे राज्य में राजनीतिक सामाजिक विवाद बढ़ गए हैं.