November 21, 2024 6:14 pm

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असम: सीएम का मेघालय की यूनिवर्सिटी पर हमला जारी, राज्य की नौकरियों में छात्रों पर लगाएंगे अंकुश

नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बुधवार को मेघालय के निजी स्वामित्व वाले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीएम) पर हमले को तेज करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस संभावना पर चर्चा कर रही है कि विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले छात्र असम सरकार द्वारा विज्ञापित पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने के योग्य नहीं हों.

यूएसटीएम पूर्वोत्तर क्षेत्र का एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है जो नेशनल इंस्ट्यूटनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के तहत शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में शामिल है, जिसका संचालन असम के बंगाली-मुस्लिम महबूबुल हक के स्वामित्व वाली एक संस्था द्वारा किया जाता है, जो संस्थान के चांसलर भी हैं.

बीते कुछ हफ़्तों से यूनिवर्सिटी और हक, दोनों को शर्मा के कई हमलों का सामना करना पड़ा है- जिसमें यह आरोप भी शामिल है कि परिसर के निर्माण के लिए वनों और पहाड़ियों की कटाई के कारण गुवाहाटी में अचानक आई बाढ़ के लिए वह जिम्मेदार हैं. इसी कड़ी में शर्मा ने यह भी कहा था कि विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार की वास्तुकला, जिसमें तीन गुंबद हैं, ‘जिहाद’ का प्रतीक है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अब हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि यूएसटीएम से पास हुए छात्र असम के विज्ञापित पदों में भाग नहीं ले सकते. उनके पास दूसरे राज्य का दिया सर्टिफिकेट है. इससे गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के हमारे छात्र परेशान हैं. इसलिए मैंने कानूनी विभाग से इस बात की जांच करने को कहा है कि अगर यूएसटीएम के छात्र असम में नौकरी करना चाहते हैं, तो उन्हें एक और परीक्षा देनी होगी. सिर्फ़ यूएसटीएम ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, सभी बाहरी विश्वविद्यालयों से. लेकिन यूएसटीएम के खिलाफ़ मेरा गुस्सा थोड़ा ज़्यादा है. क्योंकि वे हम पर पानी फेंक रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि वह मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के साथ मेघालय से आने वाले बारिश के पानी से गुवाहाटी में बाढ़ आने से जुड़े मसलों पर चर्चा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमने पानी को दीपोर बील (झील) में मोड़ने के लिए नीदरलैंड की एक समिति को काम पर लगाया है. इसके साथ ही आईआईटी रुड़की और आईआईटी गुवाहाटी को भी यह काम दिया जाएगा… कोनराड संगमा ने जोराबाट से पानी नीचे आने के मामले को महत्व दिया है और असम और मेघालय सरकारों के बीच एक संयुक्त समिति का प्रस्ताव दिया है… उन्होंने इनकार भी नहीं किया है… भले ही असम के कई राजनीतिक नेता यूएसटीएम को बचाने के लिए आगे आए हों, लेकिन मेघालय सरकार यूएसटीएम को नहीं बचा रही है.’

मुख्यमंत्री ने रिपोर्टर की पहचान पर कटाक्ष किया

इसी कड़ी में जब एक क्षेत्रीय समाचार पोर्टल के रिपोर्टर ने शर्मा से सीएम के जालुकबारी निर्वाचन क्षेत्र के मंडकाटा में कथित तौर पर काटे जा रहे पहाड़ों के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, ‘आप यूएसटीएम और मंडकाटा की तुलना क्यों कर रहे हैं?… आप सभी यूएसटीएम को बचाने के लिए इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं?’

शर्मा ने रिपोर्टर से उसका नाम पूछा, जब उन्होंने अपना परिचय शाह आलम के रूप में दिया, तो उन्होंने कहा, ‘आप लोग शाह आलम और यूएसटीएम के महबूबुल हक… जिस तरह से आप सभी ने चीजों को जोड़ा है, क्या हम बच भी पाएंगे?… मैं शाह आलम से पूछना चाहता हूं कि क्या हम लंबे समय तक असम में टिक पाएंगे?’

न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट के अनुसार, शर्मा का परोक्ष संदर्भ उनके द्वारा मुसलमान असम के ‘मूल निवासियों’ के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं, वाला दावा था .

पिछले हफ्ते ही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने शर्मा ने कहा था कि राज्य में बदलते जनसांख्यिकीय परिदृश्य ने हिंदू-मुस्लिम जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ दिया है, जिससे लगभग 13 जिलों में ‘मूल निवासियों’ को खतरा महसूस हो रहा है.

यूएसटीएम, 2008 में स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय है, जिसे शिक्षा अनुसंधान और विकास फाउंडेशन द्वारा बढ़ावा दिया जाता है, जिसकी स्थापना महबूबुल हक ने की थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ के तहत शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में शामिल किया है.

12 अगस्त को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 के 9वें संस्करण की घोषणा की. वार्षिक रैंकिंग विभिन्न मानदंडों के आधार पर भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन और रैंकिंग करती है. भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने विश्वविद्यालय रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है, उसके बाद नई दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया का स्थान है.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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