December 23, 2024 11:12 am

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21 साल बाद भी बेमिसाल: संजय दत्त की फिल्म जो आज भी दर्शकों के दिलों में बसी है

मुन्नाभाई एमबीबीएस को रिलीज हुए 21 साल हो गए हैं, लेकिन इसका जादू आज भी वैसे ही कायम है। राजकुमार हिरानी की इस फिल्म ने हंसी, भावनाओं और गहरे सामाजिक संदेशों के साथ पारंपरिक कहानी कहने के तरीके को बदल दिया है। मुन्ना का गैंगस्टर से मेडिकल स्टूडेंट बनने का सफर सिर्फ हंसी का नहीं था, बल्कि इसने हमें जिंदगी, रिश्तों और असली महत्व की बातें भी सिखाई हैं। यहां हैं 12 वजहें क्यों मुन्नाभाई एमबीबीएस दो दशक बाद भी दर्शकों के दिलों को छूती है।

1) एक हीरो जो बिना किसी झिझक रियल है

मुन्ना की कमियां उसे हमारे जैसा बनाती हैं, ये दिखाती हैं कि हीरो को प्यार करने और असरदार होने के लिए परफेक्ट होने की ज़रूरत नहीं होती।

2) रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा ह्यूमर

फिल्म का ह्यूमर ऐसे हालातों से आता है जो हम सभी ने कभी न कभी महसूस किए हैं, जिससे ये फिल्म टाइमलेस बनने के साथ, आज भी सभी को पसंद आती है।

3) सहानुभूति डिग्री से ज्यादा कीमती होती है

मुन्ना की यात्रा यह सिखाती है कि असली सफलता दूसरों से जुड़ने में है, न कि सिर्फ औपचारिक डिग्रियों में।

4) दोस्ती जो वफादारी पर आधारित हो, ड्रामा पर नहीं

मुन्ना और सर्किट की दोस्ती बिना किसी शर्त समर्थन देने की भावना को दिखाती है, जो सच्ची दोस्ती का एक ताजगी भरा नजरिया है।

5) समाज की सफलता को लेकर एक सटीक चुनौती

फिल्म समाज के पारंपरिक रास्तों को अपनाने के दबाव पर सवाल उठाती है और अपनी खुद की राह चुनने की अहमियत दिखाती है।

6) परिवार के रिश्ते जो बिना कहे बहुत कुछ कह जाते हैं

मुन्ना का अपने पिता के साथ रिश्ता काफी नज़दीकी और गहरा है, ये दिखाता है कि प्यार हमेशा शब्दों में नहीं जताया जाता।

7) किसी भी मुश्किल में, एक उम्मीद से भरा नजरिया

मुन्ना का अच्छा रवैया और मुश्किल हालात में उसकी सहनशीलता हमेशा प्रेरणा देती है।

8) "टफ गाई" की धारणा को नया नजरिया देना

मुन्ना की समझदारी पारंपरिक मर्दानगी के खांचे को चुनौती देती है, जिससे वह एक सच्चा और मॉडर्न हीरो बनता है।

9) हंसी और इमोशन का सही मिश्रण

राजकुमार हिरानी की हंसी और असली इमोशन को संतुलित करने की क्षमता फिल्म को एक गहराई देती है, जो सालों बाद भी दिल को छूती है।

10) अपनी खामियों को स्वीकार करके बढ़ना

फिल्म यह सिखाती है कि विकास का मतलब केवल परफेक्ट होना नहीं है, बल्कि अपनी कमियों से सीखना और खुद में सुधार लाना है।

11) सामाजिक मुद्दों पर ताकतवर टिप्पणी।

यह फिल्म शिक्षा, सामाजिक अपेक्षाओं और मानसिक स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दों को संवेदनशीलता और हंसी के साथ उठाती है।

12) डायरेक्शन

हिरानी के शानदार डायरेक्शन ने हर सीन को, चाहे वह मजाकिया हो या इमोशनल, ऐसा बना दिया है कि वह आज भी लोगो के दिलों में गहरी छाप छोड़े हुए है।

मुन्नाभाई एमबीबीएस आज भी मूवी लवर्स के दिलों में खास जगह बनाए हुए है, क्योंकि ये प्यार, दोस्ती और आगे बढ़ने जैसी सामान्य बातें दिखाती है। अपनी दिल को छूने वाली कहानी और यादगार किरदारों के साथ, ये फिल्म बीस साल बाद भी हमें प्रेरित करती है और चहरे पर मुस्कान लाती है।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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