September 15, 2025 11:23 am

कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर बड़ी कार्यवाही

उपचार में गंभीर लापरवाही करने वाले यशलोक हॉस्पिटल इंदौर का पंजीयन किया गया निरस्त
इंदौर ।   इंदौर के 2335 सेक्टर-ई सुदामा नगर स्थित यशलोक हॉस्पिटल की अनियमितता पाये जाने पर पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री आशीष सिंह को पीड़ितों द्वारा यशलोक हॉस्पिटल के डॉक्टर एवं स्टाफ द्वारा लापरवाही के कारण महिला की मृत्यु हो जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। कलेक्टर श्री सिंह ने शिकायत को तुरंत संज्ञान में लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एस. सैत्या को जाँच दल का गठन कर जाँच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। डॉ. सैत्या ने जाँच दल गठित कर तुरंत जाँच करायी। जाँच में पाया गया कि यशलोक हॉस्पिटल द्वारा मेटरनिटी एवं लेबर रूम की पात्रता न होने पर भी हॉस्पिटल में मेटरनिटी एवं लेबर रूम की सेवाएं दी जा रहीं थी। भौतिक निरीक्षण के दौरान भी हॉस्पिटल में मध्यप्रदेश नर्सिंग होम अधिनियम के अनुरूप रिकार्ड संधारण करना नहीं पाया गया, न ही इस प्रकार के ऑपरेशन के लिए उक्त हॉस्पिटल उपयुक्त पाया गया। जाँच के दौरान सत्येन्द्र सिकरवार एवं कु. भावना शर्मा द्वारा जाँच समिति को अवगत करवाया गया कि डॉ. अक्षत लाहोटी से यशलोक हॉस्पिटल को किराए पर लेकर संचालित कर रहे थे। साथ ही वे बी.ई.एम.एस. योग्यताधारी होकर अपने नाम के सम्मुख डॉक्टर नाम का उपयोग कर रहे थे, जो कि मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा संस्थान (नियंत्रण) अधिनियम 1973 की धारा 7-ग का उल्लंघन है। धारा का उल्लंघन करने पर सत्येन्द्र सिकरवार एवं कु. भावना शर्मा निवासी 2335 सेक्टर-ई सुदामा नगर इंदौर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 07 दिवस में जवाब मांगा गया है। उपचार करने वाली स्त्रीरोग विशेषज्ञ व निश्चेतना विशेषज्ञ को चेतावनी पत्र जारी करते हुए भविष्य में और अधिक सतर्कता बरते जाने हेतु सख्त चेतावनी दी गई है। मध्यप्रदेश उपचर्या तथा रुजोपचार संबंधित स्थापना अधिनियम 1973 के नियम 14, 16 एवं 17 के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के फलस्वरूप अधिनियम 1973 की धारा 6 (1) के तहत पंजीयन निरस्ती के आशय का पत्र जारी कर तत्काल अस्पताल को बंद करने की कार्यवाही की गई।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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