September 15, 2025 12:23 pm

शिक्षक वेलफेयर फंड का कोई लेखा-जोखा नहीं, प्रोफेसरों को नहीं मिल पाया इसका लाभ

भिलाई: हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में शिक्षक कल्याण निधि की राशि का कोई हिसाब नहीं है। विश्वविद्यालय उत्तर पुस्तिकाओं की जांच समेत सभी परीक्षा कार्यों के भुगतान से पहले कल्याण निधि के नाम पर पारिश्रमिक का 3% काट रहा है, लेकिन उन्हीं प्रोफेसरों को आर्थिक संकट के समय में पैसा देने से कतरा रहा है।

शिक्षक कल्याण निधि का कोई हिसाब नहीं, मद बदलकर कर रहे खर्च

दरअसल, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने कार्यपरिषद में शिक्षक कल्याण निधि की राशि से सरकारी के साथ ही निजी कॉलेजों के प्रोफेसरों की मदद करने का प्रस्ताव रखा था। इसे पारित भी कर दिया गया, लेकिन प्रोफेसरों को इसका लाभ कभी नहीं दिया गया। कार्यपरिषद के इस निर्णय की कॉलेजों को कोई सूचना भी नहीं दी गई। इसलिए प्रोफेसरों को शिक्षक कल्याण निधि के बारे में पता ही नहीं चला।

किसी प्रोफेसर को नहीं मिल सका इसका लाभ

वर्ष 2015 में शुरू हुए हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में अब तक किसी प्रोफेसर को इसका लाभ नहीं मिल सका है। वहीं, इस निधि में करोड़ों रुपए मौजूद हैं। जिसके बारे में विश्वविद्यालय कोई जवाब नहीं दे रहा है। इसी कार्य परिषद में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने कुलपति कोष से गरीब और जरूरतमंद बच्चों को आर्थिक मदद देने का भी निर्णय लिया था। इसमें भी विश्वविद्यालय कोई पहल नहीं कर सका।

पारित प्रस्ताव बैठक तक ही सीमित रहे

कार्य परिषद की बैठक में छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए कई निर्णय लिए गए, जो सिर्फ गोलमेज बैठक तक ही सीमित रहे। बैठक में तय हुआ कि जिस तरह सांसद और विधायक निधि होती है, उसी तरह कुलपति निधि का लाभ छात्रों को मिलेगा। कार्य परिषद में इसके लिए योजना बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 10 लाख रुपये का प्रावधान भी किया गया। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को इसका लाभ देने पर सहमति बनी। विश्वविद्यालय कमजोर छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने से लेकर कॉलेज की फीस भरने जैसे कई कार्यों में आर्थिक मदद देने वाला था, लेकिन विश्वविद्यालय ने इसमें कोई पहल नहीं की।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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