February 6, 2025 12:38 am

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रोहित की तरह दो दशक पहले गांगुली भी मैच से हटे थे

सिडनी। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम क्रिकेट टेस्ट मैच से बाहर बैठने से साल 2004 याद आ गया। उस समय भी कप्तान रहे सौरव गांगुली ने पिच देखने के बाद खेलने से मना कर दिया था। गांगुली ने जहां फिटनेस के आधार पर वहीं रोहित ने खराब फार्म के नाम पर टीम से बाहर बैठने का फैसला किया था। इससे साफ है कि दोनो को पिच देखकर समझ आ गया था कि यहां सफल होना उनके लिए कठिन है। रोहित ने इस प्रकार दिखाया कि टीम के केवल उनके कारण ही नहीं हार रही थी बल्कि इसके पीछे सभी की विफलता थी। इसके अलावा वह एक और असफल टेस्ट
अपने रिकॉर्ड में नहीं जोड़ना चाहते थे। अंतिम मैच में भारतीय पहली पारी 185 और दूसरी पारी 157 रन ही बना पायी।
वहीं दो दशक पहले साल 2004 में नागपुर में भारतीय टीम तीसरा टेस्ट खेलने पहुंची थी। तब सीरीज में ऑस्ट्रेलिया 1-0 से आगे थी। नागपुर पहुंचते ही जब भारतीय टीम अभ्यास के लिए मैदान पर पहुंची तो पिच पर हरियाली देखकर कप्तान रहे गांगुली भड़क गये। इसके बाइ भारतीय बोर्ड ने पिच को लेकर नाराजगी जतायी लेकर उसे बदला नहीं जा सका। इसके बाद गांगुली ने हैमस्ट्रिंग इंजरी को कारण बताते हुए मैच खेलने से इंकार कर दिया। उस समय भी भारतीय टीम मैच तीन दिन में हार गई।
ऐसे में जिस प्रकार तब गांगुली का फिटनेस की वजह से बाहर  मैच ना खेलना हमेशा सवालों के घेरे में रहा वैसे ही रोहित का भी फॉर्म के नाम पर बाहर रहना सवालों के घेरे में रहा। ये भी कहा जाता है कि कार्यवाहक कप्तान अधिक प्रभावी नहीं होता, इसलिए कप्तान चाहे फार्म में न भी रहे उसे खेलना ही चाहिये।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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