6 रुपए की चाय, 12 रुपए की कॉफी, 5 रुपए का पानी का पाउच, 7 रुपए की पानी की बोतल, 10 रुपए का बिस्किट का छोटा पैकेट और 12 रुपए की एक पीस मिठाई, 12 रुपए का समोसा, ये लिस्ट किसी ढाबे की नहीं बल्कि ये लिस्ट चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए जारी की है।
इसके अलावा स्नैक्स, लंच, डिनर, बाइक, ऑटो, कार, रिक्शा आदि के रेट भी डिसाइड किए गए हैं।चुनाव अधिकारियों ने राजनीतिक पार्टियों, मार्केट डीलर्स और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स की टीम के साथ बैठक कर एक लिस्ट तैयार की है। अब इसी लिस्ट के अनुसार प्रत्याशियों को अपना खर्चा मैनेज करना होगा।
चुनाव आयोग ने तय किया बजट
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जोरों-शोरों से तैयारियों में जुटे प्रत्याशियों के लिए चुनाव आयोग ने बजट तय कर दिया है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को 40 लाख रुपए तक खर्चा करने के लिए बजट बनाया है। कोई भी प्रत्याशी इससे ज्यादा खर्च नहीं कर सकता। इसके साथ ही चुनाव अधिकारियों ने एक रेट लिस्ट भी जारी कर दी है और इस लिस्ट के अनुसार ही प्रत्याशियों को खर्च करना होगा और बाद में इसका ब्यौरा भी देना होगा।
घोड़े से लेकर हाथी तक के रेट तय
चुनाव आयोग ने जो लिस्ट जारी की है, इसमें हाथी,घोड़े ड्रोन के रेट भी तय किए गए हैं। अगर कोई उम्मीदवार चुनाव प्रचार में हाथी का इस्तेमाल करना चाहता है, तो उसके लिए उन्हें 6150 रुपए प्रति हाथी खर्च करना होगा। घोड़े के लिए एक दिन का किराया 3075 रुपए तय किया गया है। वहीं अगर कोई ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहता है, तो उसके लिए 7000 रुपए प्रति दिन देना होगा। वहीं प्रचार के दौरान ढोल-नगाड़े बजवाने के लिए प्रतिदिन 500 रुपए से ज्यादा खर्च नहीं किया जा सकता है।
स्टेशनरी आइटम्स के लिए भी कीमत तय
पेन, पर्चे, झंडे, पोस्टर, होर्डिंग, स्टीकर्स और कट आउट आदि के लिए भी उम्मीदवारों के खर्च के लिए पैसे तय किए गए हैं। इसके अलावा कलाई पर बांधने वाले घड़ी, बैंड आदि के लिए भी कीमत तय की गई है।
विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव का बढ़ा बजट
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए 28 लाख रुपए तक खर्च करने का बजट था, जिसे इस बार बढ़ाकर 40 लाख कर दिया गया है। इसके अनुसार प्रत्याशी चुनाव के लिए 40 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए 70 लाख रुपए का बजट निर्धारित था, जो पिछले लोकसभा चुनाव में बढ़ाकर 95 लाख कर दिया गया था। चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कराने के बाद से ही बजट की सीमा लागू हो जाती है और परिणाम के दिन तक बजट सीमा लागू रहती है। इसके बाद प्रत्याशी चुनाव के लिए जो भी खर्च करेगा, उसका ब्यौरा बनाएगा और चुनाव आयोग को देगा।
