प्रतीक मिश्रा
इंट्रो : जिले में भू-माफियाओं की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है आलम यह है कि नियमों की तिलांजलि देते हुए भू कारोबारी पूरे जिले में सक्रिय हैं और इनके बेलगाम कारनामों पर लगाम लगाने वाले महजमूक दर्शक बन इस सारे खेल को मौन स्वीकृत देते नजर आ रहे हैं, एक तरफ सरकार जहां अवैध कारोबार करने वालों पर नकेल कसने को लेकर प्रशासनिक महकमे को सख्त से सख्त निर्देश दिये हुए हैं वहीं जमीनी स्तर पर जिम्मेदार खाना पूर्ति करने को भी तैयार नजर नहीं आते, हालात अब ऐसे बन चुके है कि भू कारोबारियों को अब न नियमों की परवाह है न ही प्रशासन का कोई भय जिसकी लाठी उसकी भैस की तर्ज पूरा कारोबार चला रहे हैं।
शहडोल। जिला मुख्यालय से सटे ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि पर इन दिनों माफियाओं की नजर टिकी हुई है। वर्तमान में भू-माफिया ग्रामीण क्षेत्रों की ओर रुख कर अवैध रूप से प्लाटिंग करा रहे हैं। बताया गया कि नियमों का दरकिनार कर व पंचायतों से एनओसी लिए बिना ही प्लाटिंग की जा रही है। भू-माफिया ग्रामीण क्षेत्रों के खेतों को अब नहीं छोड़ रहे और यहां पर भी प्लाटिंग की जा रही है। इन भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने की बजाय अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं जिस कारण भू-माफिया ग्रामीणों से कम दाम में जमीन खरीदकर महंगे दामों को उसे बेच रहे हैं।
गौरतलब है कि कोइलारी में आश्रम के समीप अवैध प्लाटिंग का कारोबार तेजी से चल रहा है। कृषि भूमि की खरीदी-बिक्री भी जोरों पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में एक्टिव भू-माफिया कालोनाइजर एक्ट का पालन न करते हुए कृषि भूमि को परिवर्तित कर प्लांटिग कर दी है जो कि प्रतिबंधित है। वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की अनुमति के बिना ही कृषि योग्य भूमि की प्लाटिंग कई जगह कर दी गई है। एक्ट के अंतर्गत बिना कॉलोनाइजर लाइसेंस व नियमों के बिना प्लाटिंग नहीं की जानी है। खेती जमीन का डायवर्सन भी जरुरी है। जितनी भी जमीन की खरीदी बिक्री हो रही है, उनमें सिर्फ संबंधित विभाग के अधिकारियों के दफ्तर में आवेदन देकर औपचारिकता निभा दी जा रही हैं। जिसका खामियाजा आम जनता के साथ ही शासन को राजस्व की क्षति के रूप में भुगतना पड़ रहा है। बताया गया कि सुविधा के नाम पर भू-माफिया अधिकारी को कमीशन के तौर पर मोटी रकम व प्लॉट दे रहें है।
जल्द बताएंगे इस कारोबार में कौन कौन भू माफिया शामिल है और विगत दिनों किससे और क्यों हुआ था विवाद…
