कमर में दर्द होना आजकल एक आम समस्या बन चुकी है, लेकिन क्या हर कमर दर्द की वजह मांसपेशियों या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी होती है? नहीं, कई बार यही दर्द किडनी की पथरी यानी स्टोन की वजह से भी हो सकता है। जानें असली वजह।
कमर दर्द एक बहुत आम शिकायत है जो युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के लोगों को परेशान करती है, लेकिन हर कमर दर्द का कारण एक जैसा नहीं होता। कई बार यह सिर्फ मांसपेशियों की थकान या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या होती है, जिसे आम भाषा में बैक पेन कहा जाता है, लेकिन कई बार यही दर्द किडनी में पथरी की वजह से होता है, जिसे पहचानना जरूरी होता है क्योंकि इसका इलाज और गंभीरता दोनों अलग होती है। अगर सही समय पर यह फर्क नहीं पहचाना गया तो किडनी स्टोन का दर्द असहनीय हो सकता है और किडनी को नुकसान भी पहुंच सकता है।
किडनी की पथरी का दर्द कैसा होता है?
किडनी में अगर पथरी बन गई है और वह मूत्रनली में फंस जाती है तो बहुत तेज़, झटके जैसा और अचानक दर्द शुरू हो सकता है. यह दर्द आमतौर पर कमर के एक तरफ यानी पीछे की ओर से शुरू होता है और पेट के निचले हिस्से, जांघ या जननांग क्षेत्र तक फैल सकता है. इसे रेडिएटिंग पेन कहा जाता है. यह दर्द बैठने, चलने या लेटने से कम नहीं होता, बल्कि बना रहता है और कई बार बढ़ता ही जाता है. किडनी स्टोन के दर्द के साथ उल्टी जैसा लगना, पेशाब में जलन, खून आना, पेशाब की बदबू या बार-बार पेशाब आने की शिकायत भी हो सकती है.
कैसे पहचानें कि ये दर्द बैक पेन है या पथरी का?
बैक पेन आमतौर पर मांसपेशियों या हड्डी से जुड़ा होता है और आराम, स्ट्रेचिंग या पेनकिलर से आराम मिल जाता है. लेकिन पथरी का दर्द अचानक शुरू होता है, बहुत तीव्र होता है और सामान्य पेनकिलर से भी राहत नहीं मिलती. पथरी के दर्द में मूवमेंट से फर्क नहीं पड़ता जबकि बैक पेन में चलने या स्थिति बदलने से दर्द बदल सकता है. इसके अलावा अगर पेशाब में कोई बदलाव दिख रहा है जैसे खून, जलन या रंग तो यह पथरी की तरफ इशारा हो सकता है. इसलिए कमर दर्द को हल्के में न लें. समझदारी इसी में है कि समय रहते सही कारण की पहचान हो और ज़रूरत के अनुसार इलाज शुरू किया जाए.
