November 20, 2025 2:03 am

जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग तेज, फारूक अब्दुल्ला ने दिए संकेत

जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ती नजर आ रही है। शुक्रवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इस मुद्दे को आगामी विपक्षी बैठक में उठाने के संकेत दिए।

डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर 19 जुलाई को चर्चा की जाएगी। यह बैठक इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के बीच होगी, जो 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्ष की रणनीति तय करने के लिए आयोजित की जा रही है।

उन्होंने यह भी इशारा किया कि विपक्षी दल इस बार राज्य के दर्जे को लेकर एकजुट होकर संसद में आवाज उठाएंगे। माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बना रहा है।

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था, जिसके बाद से ही इसे फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग समय-समय पर उठती रही है। मध्य कश्मीर के बडगाम में एक धार्मिक समारोह में भाग लेने आए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कोई एहसान नहीं, बल्कि एक अधिकार है जिसे बहाल किया जाना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा, “यह (राज्य का दर्जा बहाल करना) हमारा अधिकार है, वे इसे बहाल क्यों नहीं करते? अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम देखेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है.”

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लिखे गए संयुक्त पत्र का उल्लेख करते हुए, फारूक अब्दुल्ला ने इस मुद्दे को उठाने और प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाने के लिए दोनों का धन्यवाद किया.

उन्होंने कहा, “मैं मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी का आभारी हूं और इस मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी के संज्ञान में लाने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों का स्वागत करता हूं.”

बता दें कि 16 जुलाई को एक संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और संसदीय दल के नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बहाल करने के संबंध में संसद में दिए उनके वादों की याद दिलाते हुए पूर्ण राज्य का दर्जा वापस देने की मांग की थी. नेताओं ने पत्र में कहा था, “हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य में शामिल करने के लिए संसद के आगामी बहस सत्र में एक प्रस्ताव रखें.”

मानसून सत्र में घेरने की तैयारी
पिछले पांच साल से जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य की मान्यता बहाल करने की लगातार मांग कर रहे हैं और अब यह मांग राजनीति के साथ-साथ उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों तक पहुंच चुकी है. इसी लिए मानसून सत्र में इस को मुद्दा बनाकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी है.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

विज्ञापन
Advertisement
error: Content is protected !!