आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले भले ही अपनी छवि सुधारने में लगी हो, लेकिन आप छोड़कर जो नेता गए। उनका राजनितिक करियर खत्म सा हो गया है। इन नेताओं की लिस्ट में योगेंद्र यादव, कपिल मिश्रा और कुमार विश्वास जैसे कई बड़े नेताओं का नाम शामिल है।
आइए जानते हैं कि 2013 में पहली बार सत्ता में आई अरविंद केजरीवाल की पार्टी को किस-किस बड़े नेता ने अलविदा कहा है और अब उनका क्या हाल है।
कैलाश गहलोत
दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया है। वह हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए है। हालांकि, बीजेपी में उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिला है। आप छोड़ने के बाद उन्होंने कहा कि वह जिन मूल्यों के साथ आप में शामिल हुए थे, वो अब खत्म हो गए है। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
राजकुमार आनंद
आप सरकार के मंत्री और दिग्गज नेता राजकुमार आनंद ने 10 अप्रैल 2024 को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका आरोप था कि पार्टी के प्रमुख पदों पर दलितों को जगह नहीं दी जाती है। वह आम को छोड़कर बसपा में शामिल हुए। लेकिन, ज्यादा दिन पार्टी में नहीं टिक पाए। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। लेकिन, यहां उन्हें कोई बड़ी भूमिका नहीं मिली।
राजेन्द्र पाल गौतम
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और विधायक राजेन्द्र पाल गौतम ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्हें कांग्रेस में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि उनके राजनीतिक करियर पर ब्रेक लग गया है।
कुमार विश्वास
कुमार विश्वास को अरविंद केजरीवाल का सिसोदिया के बाद सबसे करीबी समझा जाता था। वह अन्ना आंदोलन से ही आप पार्टी में आए थे। पार्टी में उनकी गिनती तेजतर्रार नेता के रूप में होती थी। 2013 से 2017 तक केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच सबकुछ ठीक रहा। लेकिन, 2017 में दोनों के रिश्ते खराब हो गए। उन्हें 2018 में राज्यसभा नहीं भेजा गया, जिसके बाद उन्होंने हाईकमान के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। कुमार विश्वास ने अभी तक कोई पार्टी ज्वाइन नहीं की है। वह अब केवल राम कथा और कवि सम्मेलन के जरिए लोगों से जुड़े हुए है।
कपिल मिश्रा
अरविंद केजरीवाल ने कपिल मिश्रा पर भरोसा कर उन्हें दिल्ली सरकार में मंत्री बनाया था। लेकिन, उन्होंने आम आदमी पार्टी को ही घेरना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अगस्त 2019 में आप को अलविदा कह दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा। हालांकि, वह हार गए। बीजेपी ने उन्हें 2023 में सियासी पुनर्वास के तहत बीजेपी ने दिल्ली का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। आप छोड़ने के बाद न वह विधायक बन पाए और उन्हें मंत्री पद भी खोना पड़ा।
योगेंद्र यादव
जब आम आदमी पार्टी 2015 का विधानसभा चुनाव जीतकर दूसरी बार दिल्ली की सत्ता में आई थी, उस समय योगेंद्र यादव की गिनती बड़े नेताओं में होती थी, वह आम आदमी पार्टी के मुख्य चुनावी रणनीतिकार भी थे। हालांकि, केजरीवाल से उनके रिश्ते बिगड़ गए और उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपनी खुद की पार्टी भी बनाई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हुए। लेकिन, उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई।