June 16, 2025 2:15 am

पंजाब के तीन युवक ‘डंकी रूट’ से ईरान जाने के बाद लापता, परिवार के अपहरण और मारपीट के आरोप

जालंधर: पंजाब के होशियारपुर, नवांशहर और संगरूर जिले के तीन व्यक्तियों, जो अपने गांवों से ‘डंकी’ मार्ग के जरिये ऑस्ट्रेलिया के लिए निकले थे, को ईरान के तेहरान हवाई अड्डे पर पाकिस्तानी एजेंट्स ने कथित तौर पर अगवा कर लिया है. ये आरोप इन लोगों के परिजनों ने लगाए हैं.

जसपाल सिंह (32), अमृतपाल सिंह (23) और हुसनप्रीत सिंह (27) नाम के तीन शख्स इस महीने 1 मई से लापता हैं. इसी दिन वे ईरान पहुंचे थे. उनके परिवारों के अनुसार, उन्होंने आखिरी बार अपने बेटों से करीब 12 दिन पहले बात की थी, जिसके बाद उनका उनसे संपर्क टूट गया.

द वायर को पता चला है कि इन तीनों के शरीर पर गहरे जख्म थे और उन्हें कथित पाकिस्तानी डोंकरों ने बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा था. ऐसा भी मालूम पड़ा है कि कथित पाकिस्तानी डोंकरों ने तीनों को छोड़ने के लिए उनसे 18-18 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी.

इस मामले में संबंधित जिलों में तीनों के परिजनों की शिकायतों के आधार पर होशियारपुर के तीनों ट्रैवल एजेंट्स धीरज अटवाल, कमल अटवाल और साविता सोया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 143 (किसी व्यक्ति की तस्करी), 318 (4) (धोखाधड़ी), 61 (2) (आपराधिक साजिश) और पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स (विनियमन) अधिनियम, 2014 की धारा 13 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

एफआईआर के बारे में जानने के बाद ट्रैवल एजेंट फरार

परिजनों ने बताया कि कथित तौर पर ट्रैवल एजेंट एफआईआर के बारे में जानने के बाद भाग गए और उन्हें बताया गया कि वे तीनों का पता लगाने के लिए ईरान जा रहे हैं.

इस संबंध में ईरान के तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा, ‘तीन भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों ने भारतीय दूतावास को सूचित किया है कि ईरान की यात्रा करने के बाद उनके रिश्तेदार लापता हैं. दूतावास ने इस मामले को ईरानी अधिकारियों के साथ जोरदार तरीके से उठाया है और अनुरोध किया है कि लापता भारतीयों का तुरंत पता लगाया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. हम दूतावास द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में परिवार के सदस्यों को नियमित रूप से अपडेट भी कर रहे हैं.’

उल्लेखनीय है कि ईरान में भारतीयों के लिए केवल पर्यटन उद्देश्यों के लिए 15 दिनों तक वीज़ा-मुक्त नीति है, जिससे यह ‘डंकी’ मार्ग के लिए एक संभावित रास्ता बन जाता है.

मालूम हो कि डंकी एक अवैध इमीग्रेशन पद्धति है, जिसमें अक्सर खतरनाक रास्ते शामिल होते हैं. ईरान पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, तुर्की, इराक, तुर्कमेनिस्तान, अज़रबैजान और आर्मेनिया से घिरा हुआ है.

ये खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब हाल ही में 5 फरवरी को अमृतसर में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों को लेकर पहला सैन्य विमान उतरा था. इसके बाद से पिछले तीन महीनों में 400 से अधिक भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है.

‘प्रत्येक से 18 लाख रुपये अतिरिक्त मांगे’

नवांशहर जिले के लंगरोया गांव के जसपाल सिंह के भाई अशोक कुमार ने द वायर से बात करते हुए कहा कि उनके भाई और दो अन्य लोगों को 1 मई, 2025 को ईरान के तेहरान हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद पाकिस्तान स्थित डोंकरों ने अगवा कर लिया था.

उन्होंने कहा, ‘जैसे ही वे हवाई अड्डे से बाहर निकले, डोंकरों ने उनकी तस्वीरें लेकर उनके पास आकर उनकी पहचान की पुष्टि की. हालांकि, जब वे कार में बैठे और बीच रास्ते में पहुंचे, तो डोंकरों ने उन्हें बताया कि उनका अपहरण कर लिया गया है.’

उन्होंने कहा कि उन्हें 1 मई को डोंकर्स से पहली कॉल मिली, जिस दौरान उनके भाई ने परिवार को बताया कि उन्हें और अन्य दो व्यक्तियों को अगवा कर लिया गया है.

उन्होंने कहा, ‘मेरे भाई ने पहले हमें 1 मई को लगभग 2 बजे जागते रहने के लिए कहा था, यही वह समय था जब पाकिस्तानी डोंकर्स ने एक वीडियो कॉल किया और प्रत्येक से 18 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की. हमने अपने भाई को ऑस्ट्रेलिया भेजने के लिए पहले ही 18 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था.’

मजदूर के रूप में काम करने वाले अशोक कुमार के अनुसार, परिवार ने रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे उधार लेकर जसपाल सिंह को ऑस्ट्रेलिया भेजने के लिए 18 लाख रुपये का इंतजाम किया था.

उन्होंने रोते हुए कहा, ‘हम 11 मई तक जसपाल के संपर्क में रहे, उसके बाद उनसे हमारा संपर्क टूट गया. पाकिस्तानी डोंकर युवकों को बंधक बनाकर कपड़े उतारकर, शरीर पर गहरे जख्मों को दिखाते हुए, बेरहमी से पीटते हुए हमसे बात करवाते थे, जिसमें वे बचाने की गुहार लगाते थे, नहीं तो पाकिस्तानी डोंकर उन्हें मार डालेंगे.’

उन्होंने कहा कि डोंकर्स ने उन्हें अपने पाकिस्तानी बैंक खाते भी दिए और उनसे पैसे देने के लिए दबाव डाला. उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि हमारे पास पैसे नहीं बचे हैं और भारत से पाकिस्तान को कोई भी भुगतान करना असंभव है. लेकिन, उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी और हमारे बेटों को प्रताड़ित करते रहे.’

इसी तरह, होशियारपुर के भोगोवाल लुड्डन गांव के अमृतपाल सिंह की मां गुरदीप कौर ने द वायर को बताया कि उनका बेटा 25 अप्रैल, 2025 को दुबई गया था, जहां से वह ईरान पहुंचा.

उन्होंने कहा, ‘जसपाल 1 अप्रैल को दुबई पहुंचा, जबकि अन्य दो लड़के बाद में उसके साथ जुड़ गए. मेरा बेटा और अन्य दो युवक केवल वीडियो कॉल के माध्यम से हमारे संपर्क में रहे, जिस दौरान पाकिस्तानी डोंकर्स ने उनकी पिटाई की. वे डोंकर्स के चंगुल से उन्हें बचाने की गुहार लगाते थे.’

उन्होंने कहा कि उन लोगों से बात किए 12 दिन बीत चुके हैं, उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार के हस्तक्षेप से उनकी जान बच जाएगी.

कई अन्य लोगों की तरह, गुरदीप कौर भी कपड़े सिलकर गुजारा करती है और नकली ट्रैवल एजेंट्स के खतरनाक गठजोड़ का शिकार हो गई, जो पंजाब और केंद्र सरकार के दावों के बावजूद, भोले-भाले युवाओं की जान से खेल रहे हैं.

इस बीच, संगरूर के धुरी से हुसनप्रीत के परिवार ने केंद्र सरकार से अपने बेटे को सुरक्षित घर वापस लाने में मदद करने की जोरदार अपील की. ​​परिवार ने यह भी कहा कि वे करीब 10 दिनों तक अपने बेटे के संपर्क में रहे, जिसके बाद उन्हें कोई कॉल या मैसेज नहीं मिला.

अमृतपाल सिंह के परिवार ने होशियारपुर के सांसद राज कुमार चब्बेवाल और पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से भी संपर्क किया है और उनसे अपने बेटे की जल्द रिहाई का आग्रह किया है.

जसपाल और हुसनप्रीत के परिवार ने भी स्थानीय नेताओं से मुलाकात की है और उनसे अपने बेटों को इस संकट से बचाने की गुहार लगाई है.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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