नई दिल्ली: लखनऊ की एक एमपी-एमएलए विशेष मजिस्ट्रेट अदालत ने मंगलवार (15 जुलाई) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ कथित ‘अपमानजनक’ बयानों के मामले में ज़मानत दे दी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हुए और जमानत के लिए आत्मसमर्पण किया. वह इस मामले की पिछली पांच सुनवाइयों के दौरान अनुपस्थित रहे थे.
गांधी का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल, मोहम्मद यासिर अब्बासी और मोहम्मद समर अंसारी ने किया, जिन्होंने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि गांधी निर्दोष हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है.
इस बीच, शिकायतकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि कांग्रेस नेता ने भारतीय सेना की गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंचाई है तथा उसका मनोबल गिराने का प्रयास किया है, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
हालांकि, अदालत ने कांग्रेस नेता को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो मुचलके जमा करने की शर्त पर ज़मानत दे दी. अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी.
गांधी ने इससे पहले मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें मानहानि के मामले के साथ-साथ लखनऊ में एमपी-एमएलए अदालत द्वारा फरवरी 2025 में पारित समन आदेश को चुनौती दी गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है और इसमें ऐसे बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है जो किसी व्यक्ति या भारतीय सेना के लिए अपमानजनक हो.
जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने कहा था, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है और इसमें ऐसे बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है जो किसी व्यक्ति या भारतीय सेना के लिए अपमानजनक हो.’
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 16 दिसंबर, 2022 को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गांधी ने बहुत ही अपमानजनक तरीके से दोहराया कि भारतीय मीडिया ने अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों की ‘पीटे जाने’ के बारे में सवाल नहीं पूछा.
देश भर में राजनीतिक विरोधियों द्वारा गांधी के खिलाफ कई शिकायतें और याचिकाएं दायर की गई हैं. जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हत्या का आरोपी कहने के लिए कांग्रेस नेता पर दर्ज आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी.
