सावन में जंहा शिव जा का दिन माना जाता है। ऐसे समय पर मटन का नाम लेना तक अपराध है, लेकिन सावन के इस पवित्र दिन में मटन खिलाना अपने आप में बेहद शर्मनाक है।
सावन के पवित्र महीने में आयोजित की गई केंद्रीय मंत्री मटन सिंह की पार्टी बिहार का राजनीति में नया विवाद बन गई है। इस आयोजन पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे हिंदू धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया है। मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने इस मटन पार्टी की निंदा करते हुए कहा कि सावन के पवित्र महीने में ऐसा भोज आयोजित करना करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना है। आरजेडी नेताओं ने इसे “सामाजिक और धार्मिक असंवेदनशीलता” की संज्ञा दी है।
पार्टी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विवाद और गहराता जा रहा है। इस वीडियो में भोज की व्यवस्था और उसमें शामिल नेताओं को देखा जा सकता है। हालांकि, विवाद बढ़ने पर ललन सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि कार्यक्रम में शाकाहारी भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। उनका दावा है कि किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना उनका उद्देश्य नहीं था। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकारा कि मटन भोज के प्रचार ने स्थिति को बिगाड़ दिया।
यह घटना पिछले साल के पितृपक्ष विवाद की भी याद दिलाती है, जब सार्वजनिक रूप से मछली भोज को लेकर भी तीखी बहस हुई थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह के आयोजनों से धार्मिक संवेदनाएं भड़क सकती हैं और इससे सामाजिक सौहार्द्र पर असर पड़ता है। इस विवाद को लेकर राज्य की राजनीति में गर्मागर्मी बढ़ गई है और आने वाले दिनों में इस पर और तीखी बयानबाज़ी की संभावना जताई जा रही है।
बिहार के लखीसराय जिले में सावन के पावन महीने के दौरान केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की तरफ से आयोजित मटन पार्टी राजनीतिक और धार्मिक हलकों में विवाद का विषय बन गई है. सूर्यगढ़ा प्रखंड में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान ललन सिंह ने मंच से मुस्कुराते हुए कहा, “भोजन का बढ़िया इंतजाम है, जो सावन मनाता है. उसके लिए भी इंतजाम है और जो नहीं मनाता है, उसके लिए भी इंतजाम किया गया है. केंद्रीय मंत्री के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिस पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है. कार्यक्रम में उनके साथ बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद थे.
इस कार्यक्रम के आयोजकों ने यह सुनिश्चित किया था कि शाकाहारी भोजन की भी समुचित व्यवस्था हो, ताकि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों. बावजूद इसके, मंच से मटन भोज का सार्वजनिक आमंत्रण देना विपक्ष को खटक गया है. विपक्ष को खटकना इसीलिए भी स्वाभाविक है क्योंकि इसी पिछले साल पित्तपक्ष में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का हेलीकॉप्टर में मछली खाने से बीजेपी और जदयू ने खूब मजे लिए थे और इसे धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ भी बताया था.
विपक्ष ने साधा निशाना
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को तुरंत लपकते हुए ललन सिंह पर धार्मिक असंवेदनशीलता का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सावन जैसे पवित्र महीने में मटन भोज की चर्चा करना हिन्दू आस्था के साथ खिलवाड़ है. राजद ने मटन पार्टी का वीडियो ट्यूट करते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म के ये ठेकेदार दूसरे को खूब नसीहत देते है, लेकिन जब बारी खुद की आती है तो?
कांग्रेस नेता बी. वी. श्रीनिवास ने सोशल मीडिया पर भोज का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘सावन के महीने में मोदी-नीतीश की मटन पार्टी! धर्म के ठेकेदारों, डूब मरो.
