नई दिल्ली/रायपुर/बिलासपुर/मनेन्द्रगढ़/भोपाल:-
मासिक राष्ट्रीय समाचार पत्रिका “खबर 30 दिन” का जुलाई 2025 अंक प्रकाशित हो चुका है। इस अंक में एक ओर जहां मोदी सरकार की 11 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के मरवाही रेंजर के खिलाफ सरकारी धन घोटाले का पर्दाफाश भी किया गया है।
पत्रिका के कवर पेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ उनके कार्यकाल की उपलब्धियों को प्रमुखता दी गई है। इसके साथ ही इस बार के अंक में “घोटालेबाज रेंजर का काला खेल उजागर” नामक रिपोर्ट को विशेष रूप से जगह दी गई है, साथ ही राइस मिल से बड़ी मात्रा में सरकारी धान गायब कर दिया गया और प्रशासनिक मिलीभगत का संदेह है-समाचार को प्रकाशित किया गया है।
🔹 मुख्य आकर्षण:
- मोदी सरकार के 11 वर्षों की योजनाओं, फैसलों और विकास कार्यों का विश्लेषण।
- छत्तीसगढ़ के मरवाही रेंजर द्वारा कथित धान घोटाले की जांच रिपोर्ट।
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मीडिया पार्टनर के रूप में जनता की ताकत, BBC Live, Channel One News, और सलाम इंडिया, क्राइम वांच इंडिया, जैसे प्रतिष्ठित मंचों की सहभागिता।
पत्रिका की कीमत ₹25 निर्धारित की गई है और इसे देशभर में वितरित किया जा रहा है।
वहीं अंदर के पन्नों पर भ्रष्टाचार, शिक्षा, प्रशासनिक विफलताओं और जन सरोकारों से जुड़ी रिपोर्ट्स ने पाठकों का ध्यान खींचा है।
📘 प्रमुख रिपोर्टों की सूची (अनुक्रमणिका अनुसार):
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घोटालेबाज रेंजर का काला खेल उजागर!
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राज्य सूचना आयोग के आदेशों की अनदेखी
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राइस मिल से गायब सरकारी धान
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‘शिक्षक महासती’ का वेतनबंदी और पंचायत की ‘पहुंच’
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मतवाले ‘बलि का बकरा’?
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केशकाल की पहाड़ियों पर विकास की सुपर हाइवे
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पुलिस है पर नहीं है उसका डर
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शिक्षा की गरिमा को शर्मसार करती घटनाएं
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आदेशों की उड़ती धज्जियाँ!
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सालों से चल रही लकड़ी तस्करी का बड़ा खुलासा
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छत्तीसगढ़ बना जीएसटी सुधारों का आदर्श मॉडल
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झोलाछाप डॉक्टर बना जल्लाद, बीएमओ बना पहरेदार
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हाईटेक नक़ल की राष्ट्रीय साज़िश!
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जब खुद चाहेंगे तब होंगे रिटायर मोदी
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बिजली तो महंगी होती जाती है…
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नियमों से यह राह तो होनी ही थी…
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सत्ता के साथ अहंकार भी आता है…
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लोगों को बेसब्री से इंतज़ार है अगले बरस के बस्तर पंडुक का
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बस्तर में फैल रहा है अब विकास का उजियारा
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कवच नहीं, ‘कंचन’ है ये छलावा
यह सूची यह दर्शाती है कि “खबर 30 दिन” केवल सरकार की उपलब्धियों को नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत, प्रशासनिक लापरवाही, और लोकजागरण की सशक्त रिपोर्टिंग के लिए प्रतिबद्ध है और पत्रिका का 16 वर्षो से लगातार प्रकाशन किया जा रहा है।
