शहडोल। नगर परिषद जयसिंहनगर अंतर्गत परिषद से सटे ग्रामों में लगातार बढ़ रहे शासकीय जमीन की कब्जा को रोकने में प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की पसीना छूट रहा है। जिसके चलते क्षेत्र शासकीय भूमि पर बेजा कब्जाधारियों की बाढ़ सी आ गई है। उसे रोकने में अभी तक प्रशासन बेबस और लाचार नजर आ रहा है। गौरतलब है कि, नगर परिषद क्षेत्र में जनकपुर रोड व अन्य स्थानों सहित परिषद से सटे आने वाले ग्राम पंचायत खुसरवाह व अन्य क्षेत्रों में खादी का चोला ओढ़कर लोग धडल्ले से कब्ज कर रहे है। ताजा मामला परिषद के बस स्टैंड से सामने आया है जहां व्यापारियों के द्वारा बिना अनुमति शासकीय आवंटित भवनों को तोड़फोड़ कर निर्माण कार्य कर रहे है।
बस स्टैंड में कब्जा
नगर परिषद कार्यालय के सामने बस स्टैंड के कब्जों ने नगर पालिका और नगर प्रशासन के नाक में दम कर रखा है। यहां जमे दुकानदारों ने लगातार निर्माण कर बस स्टैंड को सक्रिय करने में लगे है जिसको हटाने में नगर पालिका नाकाम नजर आ रही है। बताया गया है कि नपा के द्वारा एकाध बार कार्रवाई के नाम पर दिखावा तो की लेकिन दबाव में कार्रवाई ठंडे बस्ते में चले गई। जानकार बताते है कि अतिक्रमण पर कार्रवाई न होने की हकीकत तो यही है कि नगर पालिका प्रशासन के आगे अतिक्रमणकारी हावी है।
इन जगहों पर अतिक्रमण
बस स्टैंड से लेकर जनकपुर रोड, जनपद रोड में अतिक्रमण ने अपने पांव पसार रखे हैं। जिसमे बस स्टैंड पर यात्री वाहन खड़े होने वाले स्थान व सड़क की पटरी पर दर्जनभर दुकानें ने अपनी दुकान आया स्टॉल बाहर लगाकर कब्जा कर रखा है।
दुकानदारों ने बढ़ाई सीमा
दुकानदारों ने अपनी आवंटित दुकानों के एरिया से ज्यादा बाहर दुकान लगा रखे हैं। बस स्टैंड में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर में बस स्टैंड का यह क्षेत्र सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला है। दुकानों के कब्जों के कारण इन दुकानों के ग्राहक बाहर ही गाड़ी पार्क करते हैं। जिससे सड़को पर वाहनों से केवल रेंगने की ही जगह मिल पाती है।
प्रशासन की अनदेखी बनी कब्जे की मुख्य वजह
बस स्टैंड की सड़को व पार्किंग स्थल पर जहां दुकानदारों ने कब्जा किया हुआ है। यहां से नगरीय प्रशासन मुख्य नगर पालिका की दूरी महज 50 मीटर, पुलिस प्रशासन की दूरी 150 मीटर और प्रशासनिक कार्यालय 250 मीटर है। बावजूद इसके कार्रवाई न होना प्रशासन की कमजोरी समझ आ रही है।
कब हटेगा कब्जा
ज्ञात हो कि विगत 6 माह पहले नगर पालिका ने यहाँ एक अवैध घर निर्माण पर कार्रवाई की थी लेकिन कार्रवाई आधे में ही रुक गई थी और यहां जमे टपरे, ठेले और दुकानों के कब्जे हटाने की कार्रवाई नहीं कि थी। जिससे यहां कार्रवाई न होने से आए दिन एक नया अवैध कब्जा देखने को मिलता है। अब देखना यह होगा कि नगर परिषद प्रशासन क्या इन अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई करेगा कि नोटिस तक कार्रवाई सीमित रहेगी।
कई नामचीन लोग बड़े बकायेदारों की सूची में शामिल
जानकरों की माने तो नगर परिषद में कर जमा न करने वालों में कई नामचीन लोग की सूची बड़े बकायेदारों शामिल है। जिन्होंने जबसे दुकान अपने नाम आवंटित कराया है तबसे आज तक कर जमा नहीं किया है। इन लोगों द्वारा समय पर कर का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे राजस्व का नुकसान तो हो ही रह है लेकिन नगर परिषद इनपर नगरपालिका कर एवं गैर-कर विनियम के तहत कानूनी कार्रवाई भी नहीं कर रही है।
