नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार (18 जुलाई) को कथित शराब घोटाले के सिलसिले में उनके भिलाई स्थित घर की तलाशी लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया. इस साल ईडी ने दूसरी बार उनके घर पर छापेमारी की है.
इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए इसे बेटे के जन्मदिन पर मिला ‘तोहफा’ बताया.
बघेल ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई इसलिए की गई ताकि वे विधानसभा सत्र के दौरान रायगढ़ ज़िले की तमनार तहसील में अडानी समूह की कोयला परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का मुद्दा न उठा सकें.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चैतन्य की गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार सुबह भूपेश बघेल समेत सभी कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया. विपक्ष के नेता चरण दास महंत ने कहा, ‘ईडी जो दबाव बना रही है, वो निंदनीय है. हम इसका विरोध करते हैं और कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं.’
मोदी-शाह ने अपने मालिक को खुश करने के लिए आज फिर से ED को भेजा है. pic.twitter.com/1cQ3nuC8ix
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 18, 2025
विधानसभा से बाहर निकलते वक्त कांग्रेस विधायकों ने नारा लगाया- ‘एक पेड़ मां के नाम, बाकी सब बाप के नाम.’
ईडी की कार्रवाई के तुरंत बाद बघेल के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा:
‘ईडी आ गई. आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है. अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था. भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ईडी भेज दी है.’
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए बघेल ने कहा, ‘अपने मालिक (अडानी) को खुश करने के लिए मोदी-शाह ने मेरे घर ईडी भेजी है. हम डरने वाले नहीं हैं, न झुकने वाले हैं. चाहे जितना ताकल लगा दें. भूपेश बघेल न डरेगा, न झुकेगा.’
उन्होंने कहा, ‘बिहार में चुनाव आयोग की मदद से वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं, वहीं विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए ईडी, आईटी, सीबीआई और डीआरआई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है.’
भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि इससे पहले भी उनके घर पर ईडी आई थी और 33 लाख रुपये जब्त किए थे. ‘अब फिर आ गए हैं. इसका क्या मतलब है? हम एजेंसी का सहयोग करेंगे, भले ही उन्हें हम पर भरोसा हो या नहीं. हम लोकतंत्र और न्यायपालिका पर विश्वास करते हैं.’
‘सारा जंगल अडानी को सौंप देगी भाजपा सरकार’
प्रधानमंत्री मोदी के अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ से जोड़ते हुए बघेल ने एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है:
एक पेड़ मां के नाम और सारा जंगल …..??? तमनार में अडानी द्वारा की जा रही पेड़ कटाई के ख़िलाफ़ कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया गया. न पेसा कानून का पालन हुआ, न एनजीटी के निर्देशों का पालन हुआ और न ही विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव का मान रखा गया. चर्चा तक नहीं हो सकती. हसदेव के जंगल को उजाड़ा जा रहा है. देखते रहिए प्रदेश की भाजपा सरकार अडानी को छत्तीसगढ़ का सारा जंगल सौंप देगी. क्योंकि अडानी के आकाओं का यही आदेश है.
बता दें कि भूपेश बघेल ने हाल ही में तमनार का दौरा कर पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों का समर्थन किया था. यह कोयला खदान महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) को आवंटित है, जिसने इसका संचालन अडानी समूह को दिया है.
क्या है चैतन्य का मामला?
ईडी ने चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है. ईडी के अनुसार, यह कथित शराब घोटाला बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ था. एजेंसी ने कहा है कि इसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, नेताओं और आबकारी विभाग के अधिकारियों का एक सिंडिकेट शामिल था, जिसने एक ‘समानांतर’ आबकारी व्यवस्था चला रखी थी, जिसके तहत शराब की बिक्री से मिली राशि राज्य सरकार के खाते में जमा नहीं की गई. इससे सरकार को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) शराब घोटाले के आपराधिक पहलुओं की जांच कर रही है. उसने इस घोटाले को 3,200 करोड़ रुपये का बताया है और आबकारी विभाग के 22 अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है.
जनवरी 2023 में ईडी ने इस मामले में अंवर ढेबर के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अंवर ढेबर रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर के भाई हैं. इसके अलावा, इस मामले में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी और सीजी स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन एमडी को भी नामजद किया गया था.
ईडी अब तक ढेबर, टूटेजा और त्रिपाठी को गिरफ्तार कर चुकी है.
