अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हालिया भारत पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को लेकर लगातार दावा करते आ रहे हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम की मध्यस्थता की थी, और इनके साथ व्यापार बंद करने की धमकी भी दी थी.
एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर ट्रंप ने एक नया दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच चले संघर्ष में ‘पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया था.’
डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (18 जुलाई) को कहा, ‘हमने कई युद्ध रोके. और ये सभी गंभीर युद्ध थे. भारत और पाकिस्तान के बीच भी यही हो रहा था. वहां विमानों को मार गिराया जा रहा था. मुझे लगता है कि असल में पांच जेट मार गिराए गए थे. ये दोनों परमाणु संपन्न देश हैं और एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे.’
हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि किस देश के कितने लड़ाकू विमानों को नुक़सान पहुंचा. लेकिन जेट विमानों को ‘हवा में ही मार गिराए जाने’ का उनका वर्णन 7 मई की रात को भारतीय वायु सेना को हुए नुकसान की ओर इशारा करता है.
मालूम हो कि इससे पहले पाकिस्तान भी भारत के ‘पांच लड़ाकू विमान मार गिराने’ का दावा कर चुका है. हालांकि, भारत ने इन दावों को हमेशा ख़ारिज किया है.
बता दें कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे से जुड़े नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया था.
ये हवाई और मिसाइल हमले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जवाबी कार्रवाई के तौर पर किए गए थे, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जो ज़्यादातर पर्यटक थे.
पहली बार किसी शीर्ष विदेशी नेता ने आधिकारिक तौर पर लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब किसी शीर्ष विदेशी नेता ने आधिकारिक दावा किया है कि संघर्ष के दौरान लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया था.
अगर यह सच है, तो यह 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के बाद से भारतीय वायुसेना को हुआ सबसे बड़ा नुकसान होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह सार्वजनिक बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मोदी सरकार की ओर से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है. इस संबंध में न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न ही किसी केंद्रीय मंत्री ने सैन्य अभियान की पहली रात भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान के बारे में देश को बताया है.
हालांकि, ऐसे चार उदाहरण हैं, जहां वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने उस रात हुए नुकसान की बात स्वीकार की है, लेकिन इसमें नुकसान की गंभीरता का ज़िक्र नहीं किया है. इन अधिकारियों में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, एयर ऑपरेशन्स के महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती, इंडोनेशिया में रक्षा अताशे (भारतीय नौसेना के) कैप्टन शिव कुमार और रक्षा सचिव आर.के. सिंह के नाम शामिल हैं.
इसके अलावा द इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ‘विदेशी सैन्य अधिकारियों का मानना है कि इस संघर्ष के दौरान पांच भारतीय विमान नष्ट हो गए, जिनमें कम से कम एक राफेल भी शामिल है.’
इसमें कहा गया है कि अब भारतीय सैन्य अधिकारी भी मानते हैं कि ‘नुकसान तकनीकी कमियों के बजाय भारत की गलतियों की वजह से हुआ होगा.’
ट्रंप ने अपने बयान में एक बार फिर व्यापार का भी ज़िक्र किया
इस दौरान ट्रंप ने अपने बयान में एक बार फिर व्यापार का ज़िक्र किया और कहा कि इसके ज़रिए हमने संघर्ष को रोका. ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा था और हमने इसे व्यापार के ज़रिए सुलझाया.
उन्होंने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान इस पर बातचीत कर रहे थे,लेकिन वे आगे-पीछे हो रहे थे, और यह मामला बढ़ता ही जा रहा था. हमने इसे व्यापार के ज़रिए सुलझा लिया. हमने कहा- आप लोग (अमेरिका से) व्यापार समझौता करना चाहते हैं. अगर आप एक-दूसरे पर हमले और शायद परमाणु हथियार से हमले करेंगे तो हम व्यापार समझौता नहीं करेंगे.’
हालांकि, भारत ने ट्रंप के इस दावे का विरोध किया है कि युद्धविराम व्यापार वार्ता रोकने की उनकी धमकियों का नतीजा था.
इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप को फ़ोन पर बताया था कि भारत ने कभी भी ‘किसी भी स्तर पर’ अमेरिका के साथ व्यापार समझौते या किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर चर्चा नहीं की.
हालांकि, इसके बावजूद ट्रंप यह दावा दोहराते रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति के नए दावे पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि यह 24वीं बार है जब डोनाल्ड ट्रंप ‘व्यापार’ वाली बात दोहरा रहे हैं.
रमेश ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी, जिनकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रंप तक कई वर्षों की दोस्ती और गले मिलने का रिश्ता रहा है, उन्हें अब संसद में खुद स्पष्ट और दो टूक बयान देना होगा कि राष्ट्रपति ट्रंप पिछले 70 दिनों से क्या दावा कर रहे हैं.’
गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में अमेरिका की भूमिका को लेकर जयशंकर ने नीदरलैंड की अपनी हालिया यात्रा के दौरान कहा था, ‘जब दो देश संघर्ष में उलझे होते हैं तो यह स्वाभाविक है कि दुनिया के देश फोन करके पूछते हैं और चिंता जाहिर करने की कोशिश करते हैं और बताते हैं कि ऐसी स्थिति में वे क्या कर सकते हैं. लेकिन युद्ध विराम, गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करना कुछ ऐसा था जिस पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत हुई थी.’
