नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के एक शीर्ष नेता के खिलाफ भारत विरोधी साजिश से जुड़े मामले में चार्जशीट दाखिल की है.
हालिया प्रकाशित खबर के मुताबिक, हैदराबाद स्थित एनआईए की विशेष अदालत में दायर इस अतिरिक्त (supplementary) चार्जशीट में सीपी मोइदीन उर्फ गिरीश को आरोपी बनाया गया है. उनके ऊपर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, (यूएपीए) 1967 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
एनआईए के अनुसार, मोइदीन भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की माओवादी साज़िश में सक्रिय रूप से शामिल थे. जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों से यह स्पष्ट होता है कि वह पश्चिमी घाट विशेष क्षेत्रीय समिति (डबल्यूजीएसजेडसी) के तहत माओवादी गतिविधियों में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे.
जांच में यह भी सामने आया है कि पहले वह स्पेशल ज़ोनल कमेटी के सदस्य के तौर पर काम कर रहे थे और सितंबर 2023 में केंद्रीय समिति के सदस्य संजय दीपक राव की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने डबल्यूजीएसजेडसी के सचिव का पद संभाला था.
एनआईए के अनुसार, मोइदीन इस क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के दस्ते की निगरानी कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने भर्ती अभियानों का नेतृत्व किया, माओवादी विचारधारा का प्रचार किया और केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के त्रिकोणीय सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर हिंसक गतिविधियों की योजना बनाई.
मालूम हो कि मोइदीन को सबसे पहले अगस्त 2024 में केरल पुलिस ने हिरासत में लिया था. इसके बाद जनवरी 2025 में एनआईए ने औपचारिक रूप से उन्हें गिरफ्तार किया था.
गौरतलब है कि इस मामले की शुरुआत सितंबर 2023 में तब हुई थी, जब तेलंगाना पुलिस ने माओवादी नेता संजय दीपक राव को हथियार, गोला-बारूद और माओवादी साहित्य के साथ गिरफ्तार किया था.
इसके बाद जांच एनआईए को सौंप दी गई थी, जिसने राव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के साथ-साथ सीपीआई (माओवादी) के शहरी और सशस्त्र नेटवर्क को खत्म करने के लिए व्यापक जांच शुरू की.
