उद्धव ठाकरे ने मराठी अस्मिता, पहलगाम आतंकी हमला और धारावी पुनर्विकास जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा. राज ठाकरे संग एकजुटता को मराठी स्वाभिमान की नई लहर बताया.
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मराठी अस्मिता, पहलगाम आतंकी हमला और धारावी पुनर्विकास जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार और बीजेपी पर सीधा निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि शिवसेना किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं है, लेकिन हिंदी की जबरदस्ती स्वीकार नहीं की जाएगी. राज ठाकरे के साथ मराठी भाषा के समर्थन में निकाले गए संयुक्त मोर्चे को मराठी स्वाभिमान की नई लहर बताया और कहा कि अब मराठी माणूस अन्याय के खिलाफ खड़ा हो चुका है.
उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया कि शिवसेना किसी भी भाषा का विरोध नहीं करती, लेकिन हिंदी को जबरदस्ती स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा, “हम हिंदी का विरोध नहीं करते, लेकिन हिंदी की जबरदस्ती नहीं चाहिए. जैसे हम मराठी किसी पर नहीं थोपते, वैसे ही हम पर कोई भाषा न थोपे.”
उन्होंने हनुमान चालीसा और मारुति स्तोत्र का उदाहरण देते हुए कहा, “हम मारुति स्तोत्र मराठी में पढ़ते हैं, आप हनुमान चालीसा पढ़िए, हनुमान तो एक ही हैं.” उद्धव ने बीजेपी पर मराठी अस्मिता के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया और कहा कि मराठी माणूस अब अन्याय सहन नहीं करेगा.
उद्धव-राज ठाकरे की एकजुटता
उद्धव और राज ठाकरे के 5 जुलाई को मराठी भाषा के समर्थन में निकाले गए संयुक्त मोर्चे ने पूरे देश में चर्चा बटोरी. उद्धव ने कहा, “हमारे एक साथ आने से मराठी ही नहीं, बल्कि हिंदी, गुजराती और अन्य भाषी लोगों को भी खुशी हुई. अगर किसी के पेट में दर्द हो रहा है, तो यह उनकी समस्या है, मेरी नहीं.” इस एकजुटता ने मराठी अस्मिता की लहर को और मजबूत किया, जिसे उद्धव ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन की भावना से जोड़ा.
पहलगाम आतंकी हमले पर उद्धव ने मोदी सरकार की विफलता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “26 माताओं-बहनों का सिंदूर मिटा दिया गया. आतंकवादी आए, हमले किए और गायब हो गए. सरकार बताए, ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया? किसके दबाव में सेना के पैर पीछे खींचे गए?”
धारावी पुनर्विकास का उठाया मुद्दा
उद्धव ने धारावी पुनर्विकास को देश का सबसे बड़ा भूमि घोटाला करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई की बेशकीमती जमीनें, जैसे बांद्रा रिक्लेमेशन, सॉल्ट लैंड, और मदर डेयरी का प्लॉट, बड़े उद्योगपति को मुफ्त में दी जा रही हैं. उन्होंने सवाल उठाया, शिवसेना को तोड़ने की साजिश इसलिए रची गई, क्योंकि हमने मुंबई के लिए कभी समझौता नहीं किया.”
केंद्र सरकार पर निशाना
उद्धव ने केंद्र सरकार पर देश को व्यापार के लिए बेचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “देश के पास प्रधानमंत्री नहीं, सिर्फ बीजेपी के पास प्रधानमंत्री है. ये लोग संविधान को मानने को तैयार नहीं.” उन्होंने पर्यावरण, बैंकों, और सार्वजनिक उपक्रमों की लूट का भी जिक्र किया.
उद्धव ने मराठी माणूस की जागृति पर जोर देते हुए कहा, “मराठी माणूस शांत रहता है, लेकिन अन्याय सहन नहीं करता. उसकी सहनशीलता का पैमाना भर चुका है.” उन्होंने मराठी अस्मिता के लिए एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि शिवसेना धारावीकरों के हक के लिए सड़कों पर लड़ेगी.
