July 22, 2025 11:24 pm

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बोले अखिलेश यादव, अगर स्वास्थ्य का मसला है तो चिंता स्वाभाविक है

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है।

यह इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब संसद का मानसून सत्र जारी है, जिससे एक अजीब और असामान्य स्थिति उत्पन्न हो गई है।धनखड़ ने स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और डॉक्टरों की सलाह का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा। उनके इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई।

सपा चीफ ने कहा कि अगर स्वास्थ्य का मसला है तो क्या कहें. इतनी उम्र में स्वास्थ्य को लेकर हम सबको चिंता करनी चाहिए. वहीं अखिलेश के चाचा रामगोपाल यादव ने कहा कि जो इस्तीफे में लिखा है बस उतना ही पता है. परदे के पीछे क्या चल रहा है, मुझे पता नहीं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद का कहा, ‘कल ऐसा नहीं लगा कि वह बीमार हैं. कल रात जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैं स्तब्ध रह गया. उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया, इसलिए मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह स्वस्थ और प्रसन्न रहें.’

वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, ‘बहुत दुखद है और मुझे लगता है कि जो भी हुआ है वो सामान्य सा नहीं है. उनके जैसा अक्खड़ मिजाज का आदमी जो बीमारी की हालत में भी सदन आते थे और पूरा समय देते थे. उनका स्वास्थ्य कारणों की वजह से इस्तीफा सामान्य नहीं लग रहा है. कम से कम सरकार को इस पर बोलना चाहिए. सरकार चुप है. ये चुप्पी दर्शाती है कि सबकुछ सामान्य नहीं है.’

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, ‘लगातार उनका दो दिन बाद कार्यक्रम था अगर वह अस्वस्थ होते तो पहले इस्तीफा देते या बाद में देते. तो ये बहुत बड़ा घपला है. कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना है.’

उधर, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, ‘ मैं उनसे कल शाम 5:30 बजे मिला था, और वह अच्छे मूड में थे उनकी एकमात्र चिंता यह थी कि किसी तरह बहस हो और सदन ठीक से चले यह बहुत चौंकाने वाला है, और सत्तारूढ़ दल को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए और उन्हें वापस नियुक्त करना चाहिए.’

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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