November 20, 2025 12:54 am

ब्राह्मण कमा रहे सबसे ज्यादा मुनाफा… डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी ने फिर उगला भारत के खिलाफ जहर

यूक्रेन-रूस युद्ध को ‘मोदी का युद्ध’ बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। अब वह भारतीयों को आपस में ही लड़ाने के लिए सनसनीखेज बयान दे रहे हैं।

नवारो ने भारतीय ब्राह्मणों पर देश रूस से तेल खरीद में मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाया है। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में नवारो ने एक बार फिर ट्रम्प प्रशासन द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को सही ठहराया और चेतावनी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से निकटता वैश्विक व्यवस्था को अस्थिर कर रही है।

वाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा,”भारत टैरिफ का महाराजा है। दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ उनके यहां हैं। वे हमें ढेर सारी चीज़ें निर्यात करते हैं। तो, नुक़सान किसे होगा? अमेरिका के मज़दूरों को, करदाताओं को, यूक्रेन के लोगों को। मोदी एक महान नेता हैं। मुझे समझ नहीं आता कि जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, तो वे पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों घुल-मिल रहे हैं।” नवारो की यह टिप्पणी भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद के संदर्भ में की गई है।

समझें कि हो क्या हो रहा है?

अपने जहरीले बोल को आगे बढ़ाते हुए नवारो ने कहा, “मैं भारतीय लोगों से बस इतना ही कहूँगा कि वे समझें कि हो क्या हो रहा है? ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर सबसे ज्यादा मुनाफ़ा कमा रहे हैं, और हम चाहते हैं कि यह बंद हो।” नवारो की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए चीन यात्रा के दौरान आई है, जहाँ उन्होंने व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से मुलाकात की है। सात वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली चीन यात्रा है।

50% टैरिफ लगाने के मुख्य योजनाकार नवारो ही

बता दें कि भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के मुख्य योजनाकार नवारो ही रहे हैं। इससे पहले उन्होंने रूस के साथ व्यापार को लेकर नई दिल्ली पर हमला बोला था और आरोप लगाया था कि भारत यूक्रेन युद्ध में रूस को फंड मुहैया करा रहा है। नवारो ने कहा था कि दुनिया के तीसरे सबसे बड़े लोकतंत्र को ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने ये भी कहा था कि भारतीय रिफाइनरियां किफायती दरों पर रूसी तेल खरीदती हैं, उसका प्रसंस्करण करती हैं और यूरोप, अफ्रीका तथा एशिया को तेल का निर्यात करती हैं। बता दें कि अमेरिका में ब्राह्मण शब्द का इस्तेमाल समाज के उच्च तबके, धनी और कुलीन वर्ग के लिए होता है।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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