केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में बिहार के भाजपा नेताओं की अहम बैठक बुलाई है। खबरों के मुताबिक, ये बैठक बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए की जा रही है।
3 सितंबर को दिल्ली में बिहार बीजेपी नेताओं की ये बैठक होगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा शामिल होंगे। इनके साथ ही बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, सह-प्रभारी दीपक प्रकाश, बिहार बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेता और बिहार कोटे के केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे।
बता दें कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है और चुनाव आयोग सितंबर-अक्टूबर में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। ऐसे में भाजपा और एनडीए गठबंधन चुनावी रणनीति को मजबूत करने में लग गए हैं। इस मीटिंग में सीट बंटवारे, उम्मीदवारों के चयन से लेकर चुनावी रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
रणनीति में होगा बड़ा बदलाव
चुनाव से पहले वर्तमान हालातों को देखते हुए अभी चल रही रणनीति में बड़ा बदलाव किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो भाजपा विपक्ष के ‘वोट चोरी’ जैसे मुद्दों का जवाब देने तथा उसकी चर्चा को दबाने के लिए सनातन जैसे भावनात्मक मुद्दों को उठा सकती है।
‘महाराष्ट्र मॉडल’ अपनाने की बात
ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह का बिहार में एनडीए की एकता को प्रदर्शित करने तथा नीतीश कुमार के नेतृत्व को मजबूती देने की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं। हाल ही में नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों के बीच ये बैठक गठबंधन के अंदरूनी मतभेदों को भी दूर करने की कोशिश भी हो सकती है। इससे पहले भी शाह ने बिहार दौरे पर ‘महाराष्ट्र मॉडल’ अपनाने और गैर-पारंपरिक भाजपा वोटरों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी।
INDIA गठबंधन, खासकर आरजेडी तथा कांग्रेस, ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के माध्यम से भाजपा पर हमलावर हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के एक्टिव होने से विपक्षी गठबंधन भी जोर-शोर से अपनी रणनीति बना रहा है। भाजपा इस बैठक के जरिए विपक्ष के नैरेटिव को काटने तथा बूथ-स्तर पर संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर काम करेगी।
