September 14, 2025 6:58 am

सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन पर उठाए सवाल, मुआवजे की सिफारिश

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा शिक्षादूत की हत्या के विरोध शिक्षादूत एकजुट हुए हैं। चिंतागुफा में जिले के शिक्षादूतों ने बैठक की। नक्सलियों से शिक्षादूतों पर मुखबिरी करने का आरोप लगाया था।

जिसके बाद अब शिक्षादूतों ने सबूत मांगा है। वहीं बैठक में शिक्षादूतों प्रशासन से भी सवाल किया। हाल में सिलगेर में शिक्षादूत की हत्या के बाद शिक्षादूतों ने की हत्या की निंदा की है।

वहीं मामले में बीजापुर जिले के भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जी.वेंकट की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा- शिक्षादूतों की हत्या कर नक्सली क्या साबित करना चाहते है,सरकार बन्द स्कूलों को खोलकर शिक्षा से वंचित बच्चो को शिक्षित करना चाहती है। गांव के बेरोजगार युवाओं को शिक्षादूत बनकर उन्हें रोजगार प्रदान कर रही है। दूसरी ओर नक्सली शिक्षादूतों की हत्या कर बच्चों को शिक्षा से दूर करना चाहते हैं।

नक्सली नहीं चाहते कि, बच्चे शिक्षित हो – भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जी.वेंकट ने कहा- नक्सली कभी भी ये नहीं चाहते कि, बस्तर को वो हिस्सा जो उनके कारण पिछले 25 वर्षों से शिक्षा से दूर था अब वो शिक्षित हो सके। क्योंकि नक्सली शिक्षा ही नहीं बल्कि विकास विरोधी हैं। अगर बच्चे शिक्षित होकर जागरूक हो जाएंगे तो उनका वर्चस्व खत्म हो जाएगा,वैसे भी नक्सलियों के लिए अब बस्तर में कोई जगह नहीं है।

पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की करूंगा सिफारिश
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जी.वेंकट ने कहा- अपने हथियार के दम पर आतंक को फैलाने के लिए इसीलिए वो अब शिक्षादूतों को अपना निशाना बनाकर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं शिक्षादूत कल्लू ताती समेत नक्सलियों के हाथों मारे गए उन तमाम शिक्षादूतों की हत्याओ की निंदा करते हुए सरकार से उनके परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने का प्रयास भी करूंगा।

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