July 22, 2025 11:17 pm

कांवड़ियों की ‘गुंडागर्दी’ पर क्यों चुप है सिस्टम, क्या सरकार दे रही है ‘गुंडागर्दी’ का लाइसेंस?

 कांवड़ यात्रा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में सावन मास के दौरान आयोजित होने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक आयोजन है…… यह यात्रा भगवान शिव के भक्तों द्वारा की जाती है…… जिन्हें कांवड़िए कहा जाता है…… कांवड़िए हरिद्वार, गंगोत्री सहित अन्य पवित्र स्थानों से गंगा जल लेकर अपने गंतव्य तक पैदल यात्रा करते हैं……. और इस जल को शिवलिंग पर चढ़ाते हैं……. यह यात्रा आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है…… हालांकि, हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के कार्यकाल में……. कांवड़ यात्रा को लेकर कई विवाद सामने आए हैं……. कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि योगी सरकार कांवड़ियों को ‘गुंडागर्दी’ का लाइसेंस दे रही है……. जिसके कारण दुकानों पर अराजकता….. और असामाजिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है…… साथ ही, कुछ हिंदू संगठनों पर सिस्टम की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं……

आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा का इतिहास प्राचीन है और इसे भगवान शिव की भक्ति से जोड़ा जाता है…….. सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु गंगा नदी से जल लेकर सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हैं…….. इस दौरान कांवड़िए रंग-बिरंगे कांवड़ लेकर चलते हैं……. यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है……. बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी दर्शाती है……. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद…….. इस यात्रा को और अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं……. सरकार ने कांवड़ मार्गों पर सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं……..

हालांकि, कुछ लोग इस बात की आलोचना करते हैं कि इन इंतजामों के बावजूद, कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अराजकता फैलाई जा रही है…….. कांवड़ियों द्वारा आए दिन दुकानों में तोड़फोड़, मारपीट और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है….. बता दें कि कावंडिया कावड़ लेकर रोड पर चलते है और किसी भी तरह की कोई भी बात होने पर तुरंत लड़ाई, झगड़ा तोड़ फोड़ करना शुरू कर देतें हैं……. मौके पर पुलिस भी मौजूद रहती है…… लेकिन पुलिस भी मूक दर्शक बनी रहती है….. और लड़ाई को बढ़ावा देती है…….

हाल के वर्षों की कांवड़ के दौरान कुछ घटनाओं ने सुर्खियां बटोरीं……. और आम जनता ने कांवड़ियों पर गुंडागर्दी के आरोप लगाए……. बता दें कि सोशल मीडिया पर एक एक्स पोस्ट में दावा किया गया कि कांवड़िए हर साल उत्पात मचाते हैं……. और योगी सरकार ने उन्हें गुंडागर्दी, लूटमार, गाड़ियों की तोड़फोड़…… और ढाबों में तोड़फोड़ करने की खुली छूट दे रखी है……. और कांवड़ियों को धर्म के भेष में छुपे गुंडे करार दिया गया…… और उत्तराखंड सरकार पर भी सवाल उठाए गए……

वहीं इन आरोपों के पीछे कुछ बड़ी और गंभीर घटनाएं भी सामने आई हैं…….. मसलन, कुछ जगहों पर कांवड़ियों द्वारा दुकानों पर तोड़फोड़……. ढाबों पर विवाद, और स्थानीय लोगों के साथ झगड़े की खबरें आई हैं……. खासकर, मांस और शराब की दुकानों को लेकर विवाद की खबरें सुर्खियों में रही हैं……. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है……. जिसे कुछ लोग धार्मिक आधार पर पक्षपातपूर्ण मानते हैं…….. जिसको लेकर दावा किया गया कि यह नीति फूट डालो और राज करो की रणनीति का हिस्सा है……..

योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं…….. मुख्यमंत्री योगी ने स्वयं यात्रा मार्गों का हवाई सर्वेक्षण किया……. और अधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए…….. सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान सख्त नियम लागू किए हैं…….. जैसे कि कांवड़ को खंडित करने वालों के खिलाफ तीन साल तक की सजा का प्रावधान……. इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर मांस की दुकानों को बंद करने और शराब की बिक्री पर नियंत्रण जैसे कदम उठाए गए हैं……. ताकि यात्रा की पवित्रता बनी रहे…….

बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी ने दावा किया कि पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार में कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई जाती थी……. और श्रद्धालुओं को परेशान किया जाता था……. जबकि योगी सरकार ने इसे शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाया है…….. हालांकि, विपक्षी दलों और कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि सरकार का यह रवैया एक विशेष समुदाय को खुश करने की कोशिश है……. और इससे सामाजिक तनाव बढ़ रहा है……

कांवड़ यात्रा के दौरान हिंदू युवा वाहिनी और राष्ट्रीय भगवा फोर्स की सक्रियता भी चर्चा में रही है…….. इन संगठनों पर आरोप है कि वे कांवड़ियों के साथ मिलकर असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं……… आपको बता दें कि 2017 में एक समाचार रिपोर्ट में बताया गया कि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद कई स्वघोषित हिंदू रक्षक दल सक्रिय हो गए हैं……… इनमें से कुछ संगठनों के पास हथियार, जैसे तलवार और भाले होने की बात भी सामने आई है……..

हिंदू युवा वाहिनी जिसकी स्थापना स्वयं योगी आदित्यनाथ ने 2002 में की थी……. जिसको 2022 में भंग कर दिया गया था…….. लेकिन इसके पुनर्गठन और नए नाम के साथ फिर से सक्रिय होने की खबरें हैं……. इन संगठनों पर आरोप है कि वे कांवड़ यात्रा के दौरान अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करते हैं……. और स्थानीय स्तर पर विवाद पैदा करते हैं……. हालांकि, इन संगठनों के नेताओं का दावा है कि वे हिंदू समाज की रक्षा के लिए काम करते हैं….. और विवादों से उनका कोई संबंध नहीं है……..

कांवड़ यात्रा के दौरान होने वाली अराजकता और हिंदू संगठनों की गतिविधियों पर सिस्टम की चुप्पी को लेकर कई सवाल उठे हैं……… और शासन और प्रशासन “आंखों पर काली पट्टी बांधे हुए” हैं…… और कांवड़ियों की गुंडागर्दी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही……. कुछ लोग यह भी आरोप लगाते हैं कि योगी सरकार का रवैया एक विशेष समुदाय के प्रति पक्षपातपूर्ण है…… जिसके कारण अन्य समुदायों में असंतोष बढ़ रहा है……..

हालांकि, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पुलिस और प्रशासन ने कई मौकों पर कांवड़ यात्रा के दौरान होने वाली अराजकता पर कार्रवाई की है……… बता दें कि 2015 में कानपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद पुलिस ने 31 लोगों पर मुकदमे दर्ज किए थे……. जिन्हें बाद में सरकार ने वापस लेने का फैसला किया……. इसके अलावा, कांवड़ को खंडित करने की घटनाओं पर सख्ती बरतने के लिए नए नियम बनाए गए हैं…….. फिर भी, कुछ लोगों का मानना है कि ये कार्रवाइयां नाकाफी हैं…… और सिस्टम को और सख्ती से काम करना चाहिए…….

आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा और उससे जुड़े विवादों का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी गहरा है…….. एक ओर, योगी सरकार का दावा है कि वह कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाकर धार्मिक भावनाओं का सम्मान कर रही है…….. दूसरी ओर, विपक्षी दल और कुछ सामाजिक कार्यकर्ता इसे धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देने और समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश के रूप में देखते हैं……

वहीं कांवड़ यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा है…….. योगी सरकार ने इस यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं…….. लेकिन कुछ घटनाओं और सोशल मीडिया के दावों ने इसे विवाद का विषय बना दिया है……. कांवड़ियों पर गुंडागर्दी के आरोप और हिंदू संगठनों पर सिस्टम की कथित चुप्पी को लेकर सवाल उठ रहे हैं…….. हालांकि इन आरोपों की तथ्यात्मक पुष्टि के लिए ठोस सबूतों की कमी है…… और कई मामलों में पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई भी की है……

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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