इस साल सोने और चांदी की कीमतों ने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। सोना के भाव 1.23 लाख और चांदी की कीमतें 1.57 लाख के नए शिखर पर पहुंच गई हैं। विशेषज्ञों का अनुमान था कि सोना इस दीवाली सवा लाख रुपये का स्तर छू लेगा और इसी अनुमान के मुताबिक यह इसके काफी करीब पहुंच गया है।
इस तरह सोने और चांदी में निवेश करने वालों की 15 दिन पहले ही दीवाली शानदार हो गई है।
अब 1.45 लाख का अगला टार्गेट
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगर सोने में यह तेजी बरकरार रही तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके दाम जल्द ही 4500 डॉलर तक पहुंच सकते हैं। भारत में यह कीमत 1.45 लाख के करीब होगी।
इस साल 55 फीसदी से अधिक उछाल
सोने के दाम 01 जनवरी 2025 को 77,600 रुपये प्रति 10 ग्राम थे। इसमें अब तक 45,700 रुपये का उछाल आ चुका है। यानी यह निवेशकों को 55 फीसदी से अधिक मुनाफा दे चुका है। इसकी कीमतों में सबसे तेज उछाल सितंबर के दौरान दर्ज किया गया। सितंबर से अब तक इसके दाम 25,300 रुपये उछल चुके हैं। वहीं, 2025 की पहली छमाही में इस बहुमूल्य धातु ने निवेशकों को लगभग 27 प्रतिशत का रिटर्न दिया था। 30 जून को इसके दाम 97,583 रुपये तक पहुंचे थे।
सबसे तेज रफ्तार
सोने की कीमतों में पिछले 20 वर्षों में जोरदार बढ़ोतरी हुई है। 2005 के 7000 रुपये से बढ़कर सोना 2025 में 1,23,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। यह बढ़ोतरी लगभग 1661 फीसदी से अधिक की है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो सोने के भाव 3970 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार सोने की कीमतों में तेजी के पीछे सिर्फ महंगाई या आम लोगों की खरीदारी नहीं, बल्कि बड़े वैश्विक कारण हैं। मौजूदा हालात बता रहे हैं कि सोने में तेजी का यह सफर और लंबा हो सकता है। इससे निवेशकों और ग्राहकों दोनों की दिलचस्पी लगातार बनी हुई है।
सोने और सेंसेक्स की चाल
2005 में सोना 7,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था और सेंसेक्स 8,000 पर
2010 में सोना 18,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था और सेंसेक्स 20,509 पर
2015 में सोना 26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था और सेंसेक्स 26,117 पर
2020 में सोना 49,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था और सेंसेक्स 47,751 पर
2024 में सोना 73,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था और सेंसेक्स 74,850 पर
2025 में सोना 1,23,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था और सेंसेक्स 81,846 पर
सोना बना सबसे सुरक्षित निवेश
निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता के माहौल में सोना सुरक्षित निवेश बना हुआ है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें घटाने का दबाव और डॉलर पर भरोसा कम होने जैसी परिस्थितियों ने निवेशकों को यूएस ट्रेजरी से रकम निकालकर सोने में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है। अगर एक फीसदी रकम भी यूएस ट्रेजरी से निकलकर सोने में जाती है तो मांग बढ़ने से सोने की कीमतों में आगे भी बंपर तेजी देखने को मिल सकती है।
चांदी ने भी झोली भरी
सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी इस साल 75.47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। दिसंबर 2024 के अंत में चांदी 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर थी, जो अब उछलकर 1,57,400 रुपये प्रति किलो (सभी करों सहित) के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई है। बीते शुक्रवार को चांदी के दाम पहली बार 1.50 लाख रुपये पहुंचे थे। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ चांदी 48.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है।
सोने-चांदी में तेजी के कारण
1. सुरक्षित निवेश और औद्योगिक मांग से सोने और चांदी के प्रति आकर्षण बढ़ा
2. मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में सोने की मांग बढ़ी, खासकर उभरते बाजारों में
3. केंद्रीय बैंकों ने अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए सोने की खरीदारी बढ़ाई
4. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती की
5. सौर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में चांदी की मांग में भारी वृद्धि







